Edited By Vijay, Updated: 27 Jan, 2020 11:04 PM
सरकारी क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसरों को देखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की शुरूआत की गई। इस योजना का लाभ उठाकर कोई भी युवा बेरोजगार ऋण लेकर अपना काम शुरू कर सकता है, जिसके लिए उसे बैंक से ऋण की आवश्यकता रहती है।
शिमला (ब्यूरो): सरकारी क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसरों को देखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की शुरूआत की गई। इस योजना का लाभ उठाकर कोई भी युवा बेरोजगार ऋण लेकर अपना काम शुरू कर सकता है, जिसके लिए उसे बैंक से ऋण की आवश्यकता रहती है। सरकार के आश्वासन के अनुसार बैंकों से योजना के तहत काम करने वाले युवा बेरोजगारों के लिए ऋण उपलब्ध नहीं हो पा रहा है यानी बैंकों की सर्जिकल स्ट्राइक युवा बेरोजगारों पर भारी पड़ रही है। यही कारण है कि विभिन्न बैंकों में ऋण देने के करीब 1,049 मामले लंबित पड़े हैं। सरकार के ध्यान में यह मामला आने के बाद सोमवार को प्रदेश सचिवालय में बैंक प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। यह बैठक उद्योग मंत्री विक्रम सिंह के साथ हुई और उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
बैंकों के पास लंबित पड़े हैं 1,049 मामले
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विभिन्न बैंकों के पास इस समय ऋण देने के करीब 1,049 मामले लंबित पड़े हैं। इसमें सबसे अधिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 292, पंजाब नैशनल बैंक में 250, यूको बैंक में 90, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक में 65, केसीसी बैंक में 115, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक में 107, जोगिंद्रा बैंक सोलन में 54, बैंक ऑफ बड़ौदा में 16 और केनरा बैंक में ऋण देने के 60 मामले लंबित पड़े हैं। अब तक इस योजना के तहत महज 995 लोगों को लाभ पहुंचा है। बैठक में संबंधित बैंकों और अधिकारियों को 31 मार्च तक मामलों का निपटारा करने को कहा गया है।
क्या है मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण में की थी। इसके तहत युवा बेरोजगारों को बैंकों से सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने की बात कही गई थी, ताकि वह अपना कारोबार शुरू कर सके। इसके लिए सरकार की तरफ से ऋण उपलब्ध करवाने के लिए कुछ बैंकों को अधिकृत किया गया है। बैंकों की तरफ से ऋण उपलब्ध करवाने में देरी के कारण पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।