बैचवाइज भर्ती के अभाव में अधर में लटका बेरोजगार स्टाफ नर्सों का भविष्य

Edited By Vijay, Updated: 22 Jun, 2018 05:47 PM

unemployed staff nurses in absence of batchwise recruitment

प्रदेश में सैंकड़ों बेरोजगार स्टाफ नर्सिज ऐसी हैं जिन्हें जे.एन.एम. किए हुए 10 से 12 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अभी तक इन्हें नौकरी नहीं मिल पाई है। नौकरी पाने की आस में धीरे-धीरे इन बेरोजगार स्टाफ नर्सों की नौकरी पाने की अधिकतम आयु भी नजदीक आती जा रही...

बिलासपुर: प्रदेश में सैंकड़ों बेरोजगार स्टाफ नर्सिज ऐसी हैं जिन्हें जे.एन.एम. किए हुए 10 से 12 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अभी तक इन्हें नौकरी नहीं मिल पाई है। नौकरी पाने की आस में धीरे-धीरे इन बेरोजगार स्टाफ नर्सों की नौकरी पाने की अधिकतम आयु भी नजदीक आती जा रही है। इस कारण उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।


बेरोजगार स्टाफ नर्सें अभी तक बेरोजगार
वर्ष 2009-10 तक स्वास्थ्य विभाग मेेें जे.एन.एम. डिप्लोमा प्राप्त कर स्टाफ नर्सों की नियुक्ति पंजीकरण करवाए जाने के बाद बैचवाइज आधार पर की जाती थी लेकिन वर्ष 2010 के बाद प्रदेश सरकार ने ये पद अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर के माध्यम से भरने शुरू कर दिए और वर्तमान में अब कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भरे जा रहे हैं। भर्ती में आए इस बदलाव का नतीजा यह हुआ कि वर्ष 2009-10 से पहले अपना डिप्लोमा पूर्ण कर चुकीं बेरोजगार स्टाफ नर्सें अभी तक बेरोजगार बैठी हैं।


गड़बड़ाने लगा है मानसिक संतुलन
बेरोजगार स्टाफ नर्सिज में शामिल रंजना कुमारी, सुनीता देवी, कमलेश, शिवानी, रक्षा शर्मा व पूनम ठाकुर आदि का कहना है कि उन्होंने लाखों रुपए खर्च कर जे.एन.एम. डिप्लोमा किया है। लंबे समय से वे नौकरी का इंतजार कर रही हैं लेकिन नौकरी न मिलने से अब उनका मानसिक संतुलन गड़बड़ाने लगा है।


बैचवाइज आधार पर की जाएं  50 प्रतिशत नियुक्तियां
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से गुहार लगाई है कि स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्सों की भर्ती में कम से कम 50 प्रतिशत नियुक्तियां बैचवाइज आधार पर की जाएं ताकि वर्ष 2009-10 से पहले जे.एन.एम. कर चुकी सैंकड़ों बेरोजगार स्टाफ नर्सों को न्याय व राहत मिल सके।

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