Edited By kirti, Updated: 28 Sep, 2019 01:25 PM
समाजसेवा सबसे बड़ा पुण्य है इन्ही पंक्तियों को चरितार्थ करती है ऊना की समाजसेवी संस्था ऊना जनहित मोर्चा। करीब 13 वर्ष पहले ऊना के कुछ युवाओं ने मिलकर इस संस्था का गठन करके समाजसेवा करने का प्रण लिया था। इस प्रण को लेकर ऊना जनहित मोर्चा के कार्यकर्ता...
ऊना (अमित): समाजसेवा सबसे बड़ा पुण्य है इन्ही पंक्तियों को चरितार्थ करती है ऊना की समाजसेवी संस्था ऊना जनहित मोर्चा। करीब 13 वर्ष पहले ऊना के कुछ युवाओं ने मिलकर इस संस्था का गठन करके समाजसेवा करने का प्रण लिया था। इस प्रण को लेकर ऊना जनहित मोर्चा के कार्यकर्ता लगातार समाजसेवा के साथ-साथ ऊना के हितों को सरकार और प्रशासन के समक्ष उठाने का काम कर रहे है।
ऊना जनहित मोर्चा पिछले करीब 13 सालों से ऊना स्वर्गधाम में आने वाले लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है। यही नहीं संस्था के कार्यकर्ता अंतिम संस्कार के बाद इनकी अस्थियों को विधिवत पूजा अर्चना के साथ हरिद्वार में वसर्जित करते है। मोर्चा अब तक 950 से अधिक लवारिस शवों की अस्थियों का विसर्जन करवा चुका है और अस्थियों का विसर्जन पहले ऊना के साथ लगते विभौर साहिब की पवित्र नदी किया जाता रहा है।
वहीं अब 5 वर्षो से अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में किया जा रहा है। वहीँ मोर्चा के पदाधिकारी हर वर्ष दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए हरिद्वार में पूजन करवाते रहे है और हरिद्वार में भंडारा भी लगाया जाता है। ऊना जनहित मोर्चा के संस्थापक राजीव भनोट ने बताया कि पहचान के मोहताज शवों का अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन करके उन्हें बहुत ही सकून मिलता है।
13 वर्ष पहले शुरू की गई इस संस्था में सदस्यों की गिनती नाममात्र ही थी लेकिन मोर्चा के कार्यों को देखते हुए ऊना के प्रबुद्ध लोग इससे जुड़ते गए और आज तन, मन, धन से मोर्चा के साथ काम कर रहे है। मोर्चा के सदस्यों की माने तो वो बहुत भाग्यशाली है जो इस तरह की संस्था से जुड़कर ऐसे समाजसेवा के काम करने का मौका मिल रहा है।