अनधिकृत भवन मालिकों को राहत नहीं, कंपाऊंडिंग फीस 6 गुना करने की तैयारी

Edited By Vijay, Updated: 21 Nov, 2018 11:15 PM

unauthorized building owners are not relieved

हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों अनधिकृत भवन मालिकों को जयराम सरकार ने राहत नहीं, बल्कि झटका दिया है। मंत्रिमंडल ने टी.सी.पी. एक्ट, 2014 की धारा-35 में संशोधन को मंजूरी देकर उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा है, जो वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी लाकर उनके अवैध...

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों अनधिकृत भवन मालिकों को जयराम सरकार ने राहत नहीं, बल्कि झटका दिया है। मंत्रिमंडल ने टी.सी.पी. एक्ट, 2014 की धारा-35 में संशोधन को मंजूरी देकर उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा है, जो वन टाइम सैटलमैंट पॉलिसी लाकर उनके अवैध भवन को रैगुलर करने की बाट जोह रहे थे। सरकार ने उलटा कंपाऊंडिंग फीस को 4 व 6 गुना करके लोगों की जेब को ढीला करने की तैयारी कर ली है। जिन लोगों ने बिना मंजूरी मकान बनाया है लेकिन पूरा निर्माण टी.सी.पी. नियमों के तहत किया गया है, उन्हें अपना आशियाना रैगुलर करनेके लिए अब 2 गुना नहीं बल्कि4 गुना कंपाऊंडिंग फीस देनी होगी। जिन्होंने मंजूरी के बावजूद 10 फीसदी डेविएशन की है और मकान नियमों के तहत बनाया है, उन्हें 3 टाइम की तुलना में अब 6 टाइम ज्यादा कंपाऊंडिंग फीस चुकानी पड़ेगी।

आशियाने को रैगुलर करने की बाट जोह रहे प्रदेशवासी

प्रदेशवासी 16 नवम्बर, 2017 को आए एन.जी.टी. के आदेशों के बाद से अपने आशियाने को रैगुलर करने की बाट जोह रहे हैं। सरकार एन.जी.टी. के आदेश आने के 1 साल 5 दिन बाद भी लोगों को शीर्ष अदालत में जाकर राहत नहीं दिला सकी है। खासकर शिमला के लोगों को अपने अवैध मकान टूटने, कोर एरिया में निर्माण पर पाबंदी, 35 डिग्री से अधिक की ढलान पर मकान बनाने के फैसले और अढ़ाई मंजिल निर्माण की शर्त ने लोगों की रातों की नींद उड़ा रखी है।  अब सरकार ने कंपाऊंडिंग फीस को बढ़ाया है, जबकि अवैध निर्माण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार स्थानीय नगर निकाय, साडा और टी.सी.पी. हैं। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इसे जल्द नोटिफाई करके सरकार 30 दिनों तक लोगों से आपत्ति एवं सुझाव मांगेगी। आपत्ति एवं सुझाव के बाद सरकार नोटिफाई करेगी।

ऐसे बढ़ेगी कंपाऊंडिंग फीस?

वर्तमान में कोर एरिया में व्यावसायिक भवनों के नियमितीकरण के लिए 800रु पए प्रति वर्ग मीटर और घरेलू भवनों के लिए 400 रुपए प्रति वर्ग मीटर कंपाऊंडिंग फीस है। इसके 2 से 4 गुना होने पर 400 की जगह 1600 रुपए, 6 गुना होने पर 2400 रुपए प्रति वर्ग फुट कंपाऊंडिंग फीस देनी होगी। इसी तरह 800 रुपए की कंपाऊंडिंग फीस के4 गुना होने पर 3200 रुपए और 6 गुना हो जाने के बाद लोगों को 4800 रुपए प्रति वर्ग मीटर कंपाऊंडिंग फीस देनी होगी। यानि जिन लोगों ने कोर एरिया के व्यावसायिक भवनों में 50 मीटर की डेविएशन की है, उन्हें 50 मीटर अनधिकृत हिस्से को रैगुलर करने के लिए 2.40 लाख रुपए देने होंगे।

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