वाद्य यंत्रों की धुन के साथ शिवलिंग पर सजाए छत्र, आभूषण और मोहरे

Edited By kirti, Updated: 16 Jul, 2018 02:45 PM

umbrella decorated with a tune of musical instruments on shivling

पारंपरिक वाद्य यंत्रों की देव धुन के बीच रविवार देर शाम पार्वती घाटी के छेऊंर गांव में मंगलेश्वर महादेव के छत्र, मोहरे और अन्य आभूषण भंडार गृह से मंदिर तक लाए गए। देवता के पुजारी इंद्रदेव शर्मा सिर पर एक विशाल टोकरी में इन सोने-चांदी के छत्र, मोहरों...

कुल्लू : पारंपरिक वाद्य यंत्रों की देव धुन के बीच रविवार देर शाम पार्वती घाटी के छेऊंर गांव में मंगलेश्वर महादेव के छत्र, मोहरे और अन्य आभूषण भंडार गृह से मंदिर तक लाए गए। देवता के पुजारी इंद्रदेव शर्मा सिर पर एक विशाल टोकरी में इन सोने-चांदी के छत्र, मोहरों व आभूषणों को मंदिर में लाए। इसके बाद मंदिर में प्राचीनतम शिवलिंग पर छत्र, मोहरे तथा आभूषण सजाए गए। विशेष पूजा-अर्चना के साथ छेऊंर गांव में काहिका उत्सव का श्रीगणेश हुआ। इस दौरान मंदिर में देवता के हारियान क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने मंदिर में हाजिरी भरी और देवता से आशीर्वाद लिया। देवदार की 4 टहनियों को मंदिर के मुख्य द्वार के सामने जमीन में गाड़कर एक विशेष कक्ष बनाया गया। सोमवार को प्राचीन शिवलिंग पर सजे मोहरों, छत्र और आभूषणों को देवरथ में लगाया जाएगा। 2 दिन बाद मंगलेश्वर महादेव हारियान क्षेत्र के फागू व चौहकी सहित अन्य गांवों के दौरे पर निकलेंगे। 18 जुलाई तक यह दौरा चलेगा। 19 जुलाई को नरमेध यज्ञ के साथ छेऊंर गांव में काहिका उत्सव का समापन होगा।

कई बार खंडित हुआ शिवलिंग
इस मंदिर में शिवलिंग कई बार आसमानी बिजली गिरने से खंडित भी होता है, जिसे दोबारा वास्तविक स्थिति में लाने के लिए कई बार 3, 5, 7 या 11 दिन भी लगते हैं। एक बार 4 सप्ताह का भी वक्त लगा था। देव कारकून बताते हैं कि महादेव मानव जाति पर आने वाली विपदा को आसमानी बिजली के रूप में अपने ऊपर ले लेते हैं।

आलम चंद निभाएंगेनड़ की भूमिका
काहिका उत्सव के दौरान अंतिम चरण में होने वाले नरमेध यज्ञ में नड़ की भूमिका मणिकर्ण के आलम चंद निभाएंगे। पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार से ही उनके परिजन भी इस भूमिका में रहे हैं। 19 जुलाई को आलम चंद को देव आदेश पर विशेष वस्त्र पहनाकर देवता के मंदिर की परिक्रमा के बाद मंदिर के ठीक सामने एक खुले मैदान में ले जाया जाएगा। सैंकड़ों लोग इस दौरान नाचते-गाते हुए साथ रहेंगे। इस दौरान अश्लील गालियों से समूचा क्षेत्र गूंजेगा। इन अश्लील गालियों का लयबद्ध तरीके से लोग उच्चारण करेंगे। ये गालियां इस दौरान बुरी शक्तियों को भगाने, सुख-समृद्धि व शांति के लिए मंत्रोच्चारण का ही रूप होंगी। खुले मैदान में आलम चंद को देवता के चांदी के एक विशेष पात्र से पानी पिलाया जाएगा। पानी कंठ से नीचे उतरते ही आलम चंद मूर्छित हो जाएंगे और उसके बाद दैवीय शक्ति से मंगलेश्वर महादेव इन्हें स्वस्थ कर देंगे। इस दौरान देवी महिषासुर मर्दिनी भी मौजूद रहेंगी। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!