Edited By Kuldeep, Updated: 23 Jul, 2018 11:08 PM
स्पीति में बादल फटने की घटनाएं तबाही मचाने लगी हैं। सालभर वर्षा की औसत दर शून्य के बराबर होने के बावजूद ठंडे रेगिस्तान में बारिश व बादल फटने की घटनाएं बढऩे लगी हैं।
उदयपुर: स्पीति में बादल फटने की घटनाएं तबाही मचाने लगी हैं। सालभर वर्षा की औसत दर शून्य के बराबर होने के बावजूद ठंडे रेगिस्तान में बारिश व बादल फटने की घटनाएं बढऩे लगी हैं। बादल फटने के ताजा घटनाक्रम ने हिमालयी क्षेत्रों के पारिस्थितिक असंतुलन को भी इंगित किया है। रविवार रात को स्पीति में बादल फटने की 3 अलग-अलग घटनाओं से लोक निर्माण विभाग और आई.पी.एच. विभाग को भारी नुक्सान हुआ। ताबो में बादल फटने की घटना से ताबो नाले में भयानक बाढ़ आ गई। बाढ़ ने आई.पी.एच. की सिंचाई व पेयजल योजनाओं को तहस-नहस कर दिया, जिससे ताबो कस्बे व आसपास के समस्त क्षेत्रों के लिए सिंचाई एवं पेयजल आपूॢत ठप्प हो गई है। विभागीय अधिकारी नुक्सान का जायजा लेने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं, वहीं ककिर नाले में बादल फटने की घटना ने तबाही मचाई है।
बाढ़ ने काजा-कुल्लू मुख्य सड़क मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया
दूसरी तरफ सुमलिंग में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने काजा-कुल्लू मुख्य सड़क मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया। रविवार की रात को घटी घटना से अनेक वाहन सुमलिंग में फंसे रहे। मझधार में फंसे यात्रियों को रात गाडिय़ों में गुजारनी पड़ी, वहीं रोड बंद होने के कारण काजा से कुल्लू के लिए अलसुबह रवाना हुई एच.आर.टी.सी. की बस भी सुमङ्क्षलग में फंस गई। सुमङ्क्षलग से बस को रंगरिक पुल तक वापस लाया गया, उसके बाद बस को वाया किब्बर-चिचम से क्योटो ले जाया गया। करीब 12 घंटे बाद बंद सड़क मार्ग यातायात के लिए बहाल हो पाया। बादल फटने से सुमङ्क्षलग में सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। पहाडिय़ों से एकाएक उतरा भारी मलबा व दलदल हर तरफ बिखर गया है।
बादल फटने की नई घटनाएं स्पीति में पहली बार पेश आ रही हैं
ग्राम पंचायत खुरिक के प्रधान संजीव कुमार ने बताया कि बारिश के साथ बादल फटने की नई घटनाएं स्पीति में पहली बार पेश आ रही हैं। गियु के बाद ताबो, ककिर व सुमङ्क्षलग में बादल फटने की ताजा घटनाओं से स्थानीय लोग खौफजदा हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश स्पीति के लिए कभी भी फायदेमंद नहीं रही है। दूसरी तरफ सॢदयों में निरंतर बर्फबारी में आ रही गिरावट और अब अचानक बादल फटने की घटनाओं ने पर्यावरण में पैदा हुए असंतुलन के साफ संकेत दिए हैं। इन घटनाओं से हालांकि जानमाल का कोई नुक्सान नहीं हुआ है।
तेंजिन दोरजे, सहायक अभियंता, आई.पी.एच. का कहना है कि ताबो व ककिर नाले में बादल फटने की घटनाओं से सिंचाई एवं पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नुक्सान का जायजा लिया जा रहा है, क्षतिग्रस्त योजनाओं को बहाल करने में कर्मचारी जुटे हैं।