हिमाचल में थमे ट्रकों के पहिए, ट्रक आप्रेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

Edited By Vijay, Updated: 20 Jul, 2018 05:42 PM

truck operators start indefinite strike in himachal

ट्रक आप्रेटरों की मांगों को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अनिश्चितकालीन हड़ताल के आह्वान का व्यापक असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला। इस आह्वान के चलते शुक्रवार को एशिया की सबसे बड़ी ट्रक आपे्रटर्ज सहकारी सभा यानी बी.डी.टी.एस. बरमाणा,...

बिलासपुर (मुकेश): ट्रक आप्रेटरों की मांगों को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अनिश्चितकालीन हड़ताल के आह्वान का व्यापक असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला। इस आह्वान के चलते शुक्रवार को एशिया की सबसे बड़ी ट्रक आपे्रटर्ज सहकारी सभा यानी बी.डी.टी.एस. बरमाणा, औद्योगिक क्षेत्रों नालागढ़, बद्दी, काला अंब, परवाणु, मैहतपुर, टाहलीवाल, ऊना, अम्ब, गगरेट, धनोटू, मंडी व टैरस सहित सीमैंट बागा, दाड़लाघाट में शुक्रवार सुबह से पूरी तरह चक्का जाम कर दिया गया व एक भी ट्रक माल ढुलाई के लिए नहीं लदा। इन सभी स्थानों पर ट्रक आप्रेटरों ने एकत्रित होकर मोटर वाहन अधिनियम में किए जा रहे संशोधनों के विरोध में प्रदर्शन भी किए। हिमाचल में इस हड़ताल की अगुवाई कर रहे ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष लेखराम वर्मा ने स्वयं बरमाणा में मौजूद रह कर इस हड़ताल का नेतृत्व किया।
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बरमाणा में निकाली रोष रैली
बरमाणा में हजारों ट्रक आप्रेटरों, ट्रक चालकों व परिचालकों ने रोष रैली भी निकाली। इस रैली को संबोधित करते हुए लेखराम वर्मा व प्रदेश महासचिव विजय शर्मा ने कहा कि देश का ट्रांसपोर्ट सैक्टर वर्तमान में दयनीय स्थिति में पहुंच चुका है। केंद्र की व राज्य सरकारों की ट्रांसपोर्ट एवं जन विरोधी नीतियों से ट्रांसपोर्टरों के कंगाली जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम संशोधन-2017 को लोकसभा में पारित कर राज्य सभा में चर्चा के लिए रख दिया है। यदि अभी केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम में किए जा रहे संशोधन लागू हुए तो यह देश के करोड़ों ट्रांसपोर्टरों के लिए काला कानून साबित होंगे जिससे आम ट्रक आपे्रटर समाप्त हो जाएगा व ढुलाई कार्य केवल बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास चला जाएगा। इस रैली व प्रदर्शन में ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्ज फैडरेशन के अन्य पदाधिकारी राज्य वरिष्ठ उपप्रधान अमर सिंह चौधरी, बी.डी.टी.एस. बरमाणा प्रधान रमेश ठाकुर, कुलदीप ठाकुर, रजनीश कौड़ा, संतोष कुमार, सुनील कुमार, राजेंद्र ठाकुर ने भी संबोधित किया।
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यह हैं हड़ताल के प्रमुख मुद्दे
डीजल-पैट्रोल की कीमतों को कम किया जाए व डीजल-पैट्रोल को जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाए, पूरे प्रदेश में डीजल की कीमतों में एकरूपता लाई जाए, डीजल के रेट 3-3 माह से पहले संशोधित न हों, देश की सड़कों से टोल प्लाजा हटाए जाएं, बीमा कंपनियों द्वारा पिछले 4 वर्षों में थर्ड पार्टी बीमा में की गई 90 प्रतिशत बढ़ौतरी वापस ली जाए, आयकर अधिनियम-44 ए ई को तर्कसंगत बनाया जाए। ट्रक आप्रेटरों का मानना है कि  क्योंकि इस अधिनियम के तहत 6 टायर वाले ट्रक की वार्षिक शुद्ध लाभ 90 हजार रुपए की बजाए 1 लाख  92 हजार रुपए के लगभग करना गलत है।  कमर्शियल टोल की दरों को समाप्त किया जाए व नैशनल हाईवे अथॉरिटी के अनुबंध के आधार पर शर्तों को लागू किया जाए, नैशनल हाईवे से टोल प्लाजा हटाए जाएं, ई-बिल पर जुड़ी हुई समस्याओं के समाधान की तुरंत योजना बनाई जाए।
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नहीं रोकी जाएंगी दूध, फलों व सब्जियों की गाड़ियां
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की हिमाचल इकाई ने यह निर्णय लिया है कि आपात सेवाओं की गाडिय़ों एंबुलैंस आदि नहीं रोका जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के बागवानों और किसानों के हित को मध्य नजर रखते हुए दूध, सेब, सब्जी या अन्य बागवानी उत्पादों को ले जा रही गाडिय़ों को नहीं रोका जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश के बागवानों और किसानों को कुछ राहत तो मिली है लेकिन उनकी परेशानी यह है कि प्रदेश में तो सब्जी या फलों की गाडिय़ां नहीं रुकेंगी लेकिन प्रदेश के बाहर यदि इन गाडिय़ों को रोका गया तो वे बर्बाद हो जाएंगे। 


हिमाचल के उद्योगों को प्रतिदिन होगा करोड़ों का नुक्सान
वहीं हिमाचल की ए.सी.सी. सीमैंट बरमाणा, अंबुजा फैक्टरी दाड़ला व अल्ट्राटैक सीमैंट फैक्टरी बागा से प्रतिदिन हजारों गाडिय़ां करीब 12 हजार मीट्रिक टन सीमैंट व क्लिंकर लाद कर अन्य राज्यों के लिए निकलती हैं, जिनसे लाखों रुपए का राजस्व प्रदेश को आता है। यह कार्य भी इस हड़ताल के चलते ठप्प हो जाने से जहां फैक्ट्रियों को प्रतिदिन करोड़ों रुपए की चपत लगनी तय है वहीं सरकार को भी प्रतिदिन लाखों रुपए के राजस्व से हाथ थोना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्ट के कारोबार से परोक्ष व अपरोक्ष रूप से जुड़े पैट्रोल पंप, स्पेयर पार्ट्स दुकानदारों, ढाबा मालिकों, मेकैनिकों आदि के रोजगार पर भी यह हड़ताल निश्चित बुरा असर डालेगी।

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