Edited By Vijay, Updated: 26 Apr, 2019 11:04 PM
राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों से रिकवरी के फैसले पर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने रोक लगाई है। ट्रिब्यूनल के इस फैसले से बिजली बोर्ड के 18,000 से ज्यादा कर्मचारियों और 31 दिसम्बर, 2015 के बाद रिटायर्ड पैंशनरों ने राहत की सांस ली है।
शिमला: राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों से रिकवरी के फैसले पर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने रोक लगाई है। ट्रिब्यूनल के इस फैसले से बिजली बोर्ड के 18,000 से ज्यादा कर्मचारियों और 31 दिसम्बर, 2015 के बाद रिटायर्ड पैंशनरों ने राहत की सांस ली है। हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन (एच.पी.एस.ई.बी.ई.यू.) की याचिका पर शुक्रवार को प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने स्टे लगाया। जस्टिस वी.के. शर्मा की बैंच ने विद्युत बोर्ड को अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई आगामी 29 मई को होगी।
बिजली बोर्ड ने 22 फरवरी से कर रखे हैं रिकवरी के आदेश
ज्ञात रहे कि बिजली बोर्ड ने 22 फरवरी, 2019 को विद्युत कर्मियों से रिकवरी के आदेश कर रखे हंै। इन आदेशों के मुताबिक बिजली बोर्ड की 48 श्रेणी के कर्मचारियों समेत रिटायर्ड हो चुके पूर्व कर्मियों पर रिकवरी की तलवार लटक गई है। प्रत्येक विद्युत कर्मचारी से 250 से 2500 रुपए तक प्रतिमाह की रिकवरी होनी है। बिजली बोर्ड ने रिकवरी की रकम भी कैलकुलेट कर रखी है, ऐसे में अब विद्युत बोर्ड किसी भी कर्मचारी से रिकवरी नहीं कर पाएगा। इसके लिए प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के आगामी आदेशों का इंतजार करना होगा। बिजली कर्मियों से की जाने वाली रिकवरी को लेकर विद्युत कर्मी प्रदेशभर में प्रदर्शन कर चुके हैं।
इस वजह से की जानी है रिकवरी
बिजली बोर्ड ने 50 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक ग्रेड-पे कम किया है। लाइब्रेरियन के ग्रेड पे सबसे ज्यादा 1100 रुपए की कटौती (5400 से 4300 रुपए) की गई है। बोर्ड का दावा है कि पूर्व में गलत कैलकुलेशन की वजह से इन्हें अधिक वेतनमान का भुगतान किया गया है, ऐसे में अब इनसे रिकवरी बनती है।