Edited By Vijay, Updated: 24 Nov, 2018 09:19 PM
प्रदेश के 10 जे.बी.टी. अध्यापकों को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने बड़ी राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने इन अध्यापकों से शिक्षा विभाग द्वारा वसूली करने संबंधी आदेशों को निरस्त करने के साथ 5 अध्यापकों से की गई वसूली के पैसों को 3 महीनों के भीतर वापस...
मंडी (नीरज): प्रदेश के 10 जे.बी.टी. अध्यापकों को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने बड़ी राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने इन अध्यापकों से शिक्षा विभाग द्वारा वसूली करने संबंधी आदेशों को निरस्त करने के साथ 5 अध्यापकों से की गई वसूली के पैसों को 3 महीनों के भीतर वापस करने का आदेश दिया है। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने यह आदेश अपनी मंडी सर्किट के दौरान दिए। अधिवक्ता एस.पी. चटर्जी के माध्यम से हमीरपुर जिला के भोरंज खंड के 10 जे.बी.टी. अध्यापकों बलदेव चंद, हरबंस लाल, नरोतम लाल, सोम लता, श्रीराम, कमलेश कुमार शर्मा, कुलदीप चंद, सुरेश कुमार, क्षत्र वीर सिंह और जगदीश चंद ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में शिक्षा विभाग द्वारा इनसे की जा रही रिकवरी को अनुचित ठहराते हुए न्याय की गुहार लगाई गई। उक्त अध्यापकों को वर्ष 2011 में पे-फिक्सेशन के तहत 36 महीनों का एरियर मिलना था लेकिन शिक्षा विभाग ने गलती से 72 महीनों का एरियर अदा कर दिया।
8 वर्ष बीतने के बाद रिकवरी की याद आई
लंबे समय तक शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की और 8 वर्ष बीतने के बाद रिकवरी की याद आई, ऐसे में कुछ अध्यापक रिटायर हो चुके हैं और कुछ रिटायर होने वाले हैं। कुछ से विभाग ने रिकवरी कर भी दी। इतने लंबे समय बाद की गई रिकवरी से खफा ये अध्यापक जुलाई, 2018 में ट्रिब्यूनल कोर्ट की शरण में चले गए। ट्रिब्यूनल के सदस्य (न्यायिक) डी.के. शर्मा ने मंडी सर्किट बैंच के दौरान इनकी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा उनसे वसूली करने के आदेशों को निरस्त कर दिया। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता बलदेव चंद, हरबंस लाल, नरोतम लाल, सोम लता, श्री राम से वसूली कर ली गई राशि भी 3 महीनों के भीतर लौटाने के आदेश दिए हैं।
5 वर्षों के भीतर होना चाहिए था रिकवरी करने का प्रावधान
ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि रिकवरी करने का प्रावधान 5 वर्षों के भीतर होना चाहिए था और इस संबंध में विभाग द्वारा याचिकाकर्ताओं की सुनवाई किए बगैर आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा उच्चतम न्यायलय ने पंजाब सरकार बनाम रफीक मसीह मामले में व्यवस्था दी है कि क्लास 3 और 4 के अधिकारियों से अधिक जारी की गई राशि वसूल नहीं की जा सकती। जिसके चलते ट्रिब्यूनल ने उक्त याचिकाकर्ताओं से वसूली करने के विभागीय आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है। जबकि विभाग द्वारा वसूल कर ली गई राशि को भी तीन माह के भीतर लौटाने के आदेश दिए हैं।