आम आदमी के लिए खजाना कंगाल, जबकि जालसाज हो रहे हैं सरकार की कर्जामाफी में मालामाल : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 29 Apr, 2020 06:08 PM

treasury pauper for common man  rana

गजब देश में अजब सियासत चल रही है। कोविड-19 महामारी के दौर में जरूरतमंदों के लिए तो सरकार के खजाने खाली हैं लेकिन चालबाजों व जालसाजों पर सरकार पूरी तरह से मेहरबान है। और इसी मेहरबानी के चलते अब कोरोना काल में सरकार ने चेहते जालसाजों का 68 हजार करोड़...

हमीरपुर : गजब देश में अजब सियासत चल रही है। कोविड-19 महामारी के दौर में जरूरतमंदों के लिए तो सरकार के खजाने खाली हैं लेकिन चालबाजों व जालसाजों पर सरकार पूरी तरह से मेहरबान है। और इसी मेहरबानी के चलते अब कोरोना काल में सरकार ने चेहते जालसाजों का 68 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा माफ कर दिया है। यह तल्ख टिप्पणी राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने देश के टॉप डिफाल्टरों का 68 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ होने की खबर आने के बाद की है। उन्होंने कहा कि इस नाजायज कर्जा माफी की जानकारी छुपाने के लिए हमीरपुर के सांसद एवं केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर की कार्यशैली व कारगुजारी भी सवालों के घेरे में है? क्योंकि जब लोकसभा में राहुल गांधी ने टॉप डिफाल्टरों की सरकार से जानकारी लेने के लिए प्रश्न लगाया था तो केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस जानकारी को देश से छुपाया था। अब जब आरटीआई के माध्यम से इस जानकारी का खुलासा हुआ है और देश के मीडिया में यह जानकारी मुख्य तौर पर प्रकाशित हुई है, तो जानकारी छुपाने के आरोप में हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर भी कम कसुरवार नहीं माने जा सकते हैं। 

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर देश के टॉप डिफाल्टरों की कर्जा माफी सरकार की मजबूरी बन चुकी थी, तो बेहतर होता कि अनुराग ठाकुर इस जानकारी को छुपाने की बजाय प्रदेश पर 55 हजार करोड़ कर्जे के पहाड़ की माफी के लिए केन्द्र में प्रयास करते तो कम से कम देश के चोरों, लुटेरों का कर्जा माफ होने के बजाय उनके अपने प्रदेश का कर्जा उतर जाता। गरीब किसान, मजदूर व दिहाड़ीदार कोविड-19 महामारी के दौर में सरकार की ओर राहत के लिए टकटकी लगा कर देख रहे हैं। लेकिन सरकार देश की जनता की खून-पसीने की कमाई से देश के लुटेरों का कर्जा माफ कर रही है। अगर कर्जे को बट्टा खाते में डालना सरकार की मजबूरी थी तो बेहतर होता कि सरकार से हमीरपुर के सांसद अपने प्रदेश के कर्जे को बट्टा खाते में डलवा देते। 

उन्होंने कहा कि प्रचंड जनादेश देने वाली आम जनता से अन्याय करने वाली सरकार की ऐसी तानाशाहियों को जनता कभी भूलेगी नहीं? कोविड-19 महामारी के दौर में सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार का खेल बेखौफ चला हुआ है। जिसमें प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कोरोना टेस्टिंग किट में भ्रष्टाचार के आरोपों पर टिप्पणी की है, जिस पर सरकार खामोश है। 245 रुपए की कोरोना टेस्टिंग किट 600 रुपए में खरीदने के आरोप चस्पां हैं? जिस सरकार के राज में महामारी से जूझ रही आम जनता को कठिन दौर में भी नहीं बख्शा जा रहा है वह सहज स्थिति में आम जन को कब बख्शेगी। अपनों द्वारा लगाए गए आरोपों पर अब सरकार गुस्सा करेगी या मुख्यमंत्री फिर से अपने रौद्र रूप में यह तंज कसेंगे कि विपक्ष के कुछ लोग ऐसा मान रहे हैं कि मानो दुनिया का सारा ज्ञान उन्हीं को प्राप्त हो। लेकिन अब तो भ्रष्टाचार की दुनिया के ज्ञान को उनके अपने भी उजागर करने लगे हैं इस पर अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर क्या कहेंगे?
 

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