Edited By Vijay, Updated: 23 Dec, 2018 09:15 PM
देश की विभिन्न ट्रेड यूनियनें आगामी 8 व 9 जनवरी को केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी। हिमाचल में भी इस देशव्यापी हड़ताल का यूनियनों ने समर्थन किया है। इसी कड़ी में हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन संबंधित सीटू ने भी केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी...
शिमला: देश की विभिन्न ट्रेड यूनियनें आगामी 8 व 9 जनवरी को केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी। हिमाचल में भी इस देशव्यापी हड़ताल का यूनियनों ने समर्थन किया है। इसी कड़ी में हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन संबंधित सीटू ने भी केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ की जा रही इस हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। यूनियन के महासचिव विनोद विरसांटा ने कहा है कि शिमला शहर में सभी होटल व रेस्तरां से 1,400 मजदूर हड़ताल में हिस्सा लेंगे।
4 वर्षों से लगातार देश के मजदूरों की अनदेखी कर रही केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछले 4 वर्षों से लगातार देश के मजदूरों की अनदेखी कर रही है और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूरों के श्रम कानूनों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ देश की तमाम यूनियनें लंबे समय से संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के मजदूरों की मांगों के प्रति अडिय़ल रवैये के खिलाफ और अपनी मांगों को मनवाने के लिए यूनियन सचिवालय तक रैली निकालेगी।
जिला से लेकर ब्लॉक स्तर पर होंगे प्रदर्शन
प्रस्तावित 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के तहत 8 जनवरी को जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही 9 जनवरी को ब्लॉक व तहसील स्तर पर हल्ला बोला जाएगा। इस संबंध में बीते दिनों शिमला में केंद्रीय टे्रड यूनियनें पूरी रणनीति तैयार कर चुकी हैं।
ये हैं मुख्य मांगें
- 7वें वेतन आयोग की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए मजदूरों का मासिक वेतन 18,000 रु पए किया जाए। इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाए।
- ठेकेदारी प्रथा व आऊटसोर्सिंग प्रणाली को खत्म किया जाए।
- सभी मजदूरों को पक्क ा किया जाए व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार समान कार्य का समान वेतन दिया जाए।
- श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन वापस लिया जाए।
- मार्च, 2018 से जारी फिक्स्ड टर्म रोजगार की अधिसूचना को तुरंत वापस लिया जाए।