Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2020 10:51 PM
हिमाचल के बॉर्डर खुलने के साथ ही पर्यटन नगरी डल्हौजी में पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। बॉर्डर खुलने के बाद ये पहला वीकैंड था, जब पर्यटकों ने डल्हौजी का रुख किया लेकिन रविवार को बाजार बंद होने के चलते पर्यटकों को काफी निराशा का सामना करना पड़ा।
डल्हौजी (शमशेर महाजन): हिमाचल के बॉर्डर खुलने के साथ ही पर्यटन नगरी डल्हौजी में पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। बॉर्डर खुलने के बाद ये पहला वीकैंड था, जब पर्यटकों ने डल्हौजी का रुख किया लेकिन रविवार को बाजार बंद होने के चलते पर्यटकों को काफी निराशा का सामना करना पड़ा। हद तो तब हो गई जब गांधी चौक में पर्यटकों को खाना तो दूर चाय-पानी तक नसीब नहीं हुआ और उन्हें भूखे-प्यासे ही वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा अधिकांश पर्यटक मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से प्रख्यात विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खज्जियार की तरफ चले गए। पर्यटक अपने बच्चों के साथ खाने-पीने की दुकानें ढूंढते नजर आए लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
जालंधर से आए पर्यटक ने कहा कि दुकानें बंद होने के चलते उन्हें काफी मायूसी हुई है और उन्होंने सरकार से रविवार को बाजा र खुला रखने की मांग की ताकि पर्यटकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसी तरह अमृतसर व गुरदासपुर से आए पर्यटकों में भी बाजार बंद होने के कारण भारी मायूसी देखने को मिली। स्थानीय लोगों विशाल और पवन आदि का कहना है कि वीकैंड पर ही अभी पर्यटक आने शुरू हुए हैं, ऐसे में रविवार को ही अगर बाजार बंद रहेगा तो बॉर्डर खोलने का क्या फायदा?
बता दें कि बीते 6 महीने से बंद पड़े पर्यटन कारोबार को प्रदेश के बॉर्डर खुलने से कुस आस तो जगी है पर अगर रविवार को बाजार बंद रहता है तो कारोबारियों की आशाओं पर पानी फिर सकता है क्योंकि अधिकतर पर्यटक वीकैंड पर ही पर्यटन स्थलों की ओर रुख करते हैं, ऐसे में सरकार को इस ओर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेते हुए रविवार को बाजार को खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए।