Edited By Simpy Khanna, Updated: 17 Oct, 2019 10:37 AM
विकास से कोसों दूर खड़ी लगघाटी की वादियां अब पर्यटन के मानचित्र पर अंकित होंगी। घाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को चिन्हित करने के लिए सरकार तथा विभाग ने कवायद शुरु कर दी है। दशहरा उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री तथा वनमंत्री के आदेशों के बाद विभाग ने इस...
कुल्लू (दिलीप) : विकास से कोसों दूर खड़ी लगघाटी की वादियां अब पर्यटन के मानचित्र पर अंकित होंगी। घाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को चिन्हित करने के लिए सरकार तथा विभाग ने कवायद शुरु कर दी है। दशहरा उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री तथा वनमंत्री के आदेशों के बाद विभाग ने इस दिशा में कदमताल शुरु कर दी है। जिला मुख्यालय से सटी लगघाटी 21वीं सदी में भी विकास की राह ताक रही है। राजनीतिक उपेक्षा के चलते घाटी के प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज पर्यटन स्थल आज तक विकसित नहीं हो पाए हैं। यहां की वादियां गुलमर्ग तथा सोनमर्ग से कम नहीं हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर तथा वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पर्यटन विभाग तथा वन विभाग को घाटी के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। लगघाटी का मठासौर, बड़ासौर, डायनासौर, नौऊडुआर को अगर पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए तो देश विदेशी से आने वाले सैलानी यहां का भी रुख करेंगे। जिला भाजपा के मीडिया प्रभारी खुशहाल सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा वन मंत्री घाटी में पर्यटन विकास को बढ़ावा देकर घाटी के लोगों की आर्थिकी मजबूत करने के प्रति गंभीर हैं। आगामी शुक्रवार को वन महकमे के आलाधिकारियों का एक दल मठासौर, बड़ासौर जाकर पर्यटन की संभावनाओं को तलाशेगा।
पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति ने अपने स्तर पर घाटी की मनमोहक वादियों को विकसित करने का बीड़ा उठाया है। लगघाटी पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष प्रताप ठाकुर ने कहा कि यहां की वादियां गुलमर्ग तथा सोनमर्ग से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार घाटी को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने के प्रति गंभीर है। उधर, वन अरण्यपाल कुल्लू अनिल शर्मा ने कहा कि आगामी शुक्रवार को वे स्वयं वन महकमे की टीम के साथ घाटी में जाएंगे।