Edited By kirti, Updated: 29 Apr, 2019 03:20 PM
विश्वविख्यात पर्यटन नगरी मनाली-कुल्लू में प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में सैलानी पहुंच रहे हैं। कुल्लू-मनाली का पर्यटन व्यवसाय अभी भी अपने बल पर चला है। मनाली के अनछुए पर्यटन स्थल पर्यटकों की पहुंच से कोसों दूर हैं। देश और विदेश से आने वाले सैलानी इन...
मनाली : विश्वविख्यात पर्यटन नगरी मनाली-कुल्लू में प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में सैलानी पहुंच रहे हैं। कुल्लू-मनाली का पर्यटन व्यवसाय अभी भी अपने बल पर चला है। मनाली के अनछुए पर्यटन स्थल पर्यटकों की पहुंच से कोसों दूर हैं। देश और विदेश से आने वाले सैलानी इन रमणीक स्थलों तक नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे कुल्लू-मनाली का पर्यटन व्यवसाय मनाली तक ही सीमित रह गया है।
हालांकि मनाली पर कुदरत तो मेहरबान है लेकिन सरकार की ओर से पर्यटन स्थलों को विकसित करने की पहल आज तक नहीं हो पाई है। कुल्लू जिला में आने वाले 90 फीसदी पर्यटक मनाली घूमने आते हैं। यहां दशकों बाद आज भी एकमात्र रोहतांग दर्रा ही है, जो सैलानियों को आकॢषत कर रहा है। जिला कुल्लू के बिजली महादेव, चंद्रखणी पास, हामटा, काईस धार, मलाणा, जाणा, खीरगंगा, शांघड़, सोझा, बाहू, लांबा लांभरी, तीर्थन वैली, ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क, बशलेउ दर्रा, जलोड़ी दर्रा और सरयोलसर, भृगु, हामटा, दशोहर व लामा डुग आदि स्थान पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हो पाए हैं।