उपकरण खरीद घोटाले पर गंभीर हुए CM जयराम, Vigilance Inquiry की तैयारी में सरकार

Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2019 11:07 PM

tool buying scam

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग और आयुर्वेद विभाग द्वारा बाजार से दोगुनी-तिगुनी दरों पर खरीदे गए उपकरणों को लेकर सरकार की खरीद नीति सवालों के घेरे में आ चुकी है। सप्लाई एजैंसी राज्य हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट के खिलाफ अब खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने...

शिमला: हाल ही में स्वास्थ्य विभाग और आयुर्वेद विभाग द्वारा बाजार से दोगुनी-तिगुनी दरों पर खरीदे गए उपकरणों को लेकर सरकार की खरीद नीति सवालों के घेरे में आ चुकी है। सप्लाई एजैंसी राज्य हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट के खिलाफ अब खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गंभीर रुख अपना लिया है क्योंकि खरीद में सामने आ रहीं अनियमितताओं पर सरकार की छवि जनता के बीच खराब हो रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार इसकी विजीलैंस जांच के आदेश करने पर भी विचार कर रही है। खरीद के लिए राज्य सरकार के वित्त विभाग ने कुछ नियम बना रखे हैं, जिन पर भी यह निगम खरा नहीं उतर रहा है। बिना गुणवत्ता जांचे बाजारी मूल्य से दोगुने-तिगुने मूल्य पर सरकारी विभागों को सामान उपलब्ध करवा रही इस एजैंसी की गतिविधियां पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में ला दी हैं, जिस पर हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट द्वारा खरीद की ऐसी गतिविधियों की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग को पत्र लिख दिया गया है।

वर्ष 2017 में कुल्लू, ऊना और मंडी हुई उपकरणों की काफी सप्लाई

काबिलेगौर है कि राज्य के पशुपालन विभाग के कुल्लू, ऊना और मंडी में वर्ष 2017 में उपकरणों की काफी सप्लाई हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट निगम के माध्यम से तत्कालीन अधिकारियों द्वारा की गई थी, जिस कारण नियमों के विपरीत बिना गुणवत्ता जांचे बाजार से महंगी दरों पर हुई इस खरीद के कारण विभाग के 13 वरिष्ठ अधिकारियों को चार्जशीट किया गया था। उसके बाद गत वर्ष पशुपालन विभाग ने हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट द्वारा रेट कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर की जा रही खरीद में पाई गईं भारी अनियमितताओं को लेकर उद्योग विभाग को पत्र लिखा था लेकिन आज तक उद्योग विभाग ने उस पत्र का जवाब नहीं दिया है। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने भी करोड़ों रुपए की खरीददारी इस निगम के माध्यम से महंगी दरों पर की है, जिसकी जांच स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों द्वारा की जा रही है।

163 रुपए का रोकर केनुला उपकरण 4,347 रुपए की दर से सप्लाई

वहीं शिक्षा विभाग द्वारा सिरमौर जिला में इसी निगम के माध्यम से की गई खरीददारी भी अब चर्चा में आ गई है, जिसकी जांच के आदेश संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों ने कर दिए हैं।  पशुपालन विभाग को हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के रेट कॉन्टै्रक्ट के माध्यम से मात्र 163 रुपए 19 पैसे की कीमत वाला टरोकर केनुला उपकरण 4,347 रुपए की दर से सप्लाई किया गया है। इसके अलावा बाजार में 1,000 से 2,000 रुपए की बिकने वाली भार तोलने की मशीन 8,568 रुपए, एक्स-रे व्यू बॉक्स जिसकी कीमत करीब 1,388 रुपए है, वह 3,864 रुपए, फूमीगेटर ओ.टी. डिसइन्फैक्टर 40,710 रुपए में दिया गया है जबकि दूसरी सरकारी एजैंसी इसे मात्र 4,725 रुपए में सप्लाई कर रही थी। यही नहीं, 243 रुपए की इंस्ट्रूमैंट 1,557 रुपए, 1,200 से 2,500 में मिलने वाला ऑटोमैटिक वैक्सीनेटर 16,402 रुपए, 10 से 11 रुपए वाला सर्जिकल गलब्स 20 रुपए 50 पैसे और 39,500 का पोर्टेबल इन्कुबेटर 67,704 रुपए में सप्लाई किया गया था, जिसकी जांच हुई और पशुपालन विभाग ने अपने 13 वरिष्ठ अधिकारियों को चार्जशीट किया।

ई.ओ.आई. के माध्यम से किया रेट कॉन्ट्रैक्ट

राज्य हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट निगम द्वारा जो रेट कॉन्ट्रैक्ट किया गया है, वह केवल ई.ओ.आई. के माध्यम से सप्लायर के पास उपलब्ध चीजों के रेट मांगकर किया गया है जबकि किसी भी रेट कॉन्ट्रैक्ट के लिए टैंडर किया जाना जरूरी होता है और निगम के पास सामान की गुणवत्ता को जांचने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। यही कारण है कि वर्ष 2017 में इस ई.ओ.आई. की शर्तों में निगम ने स्पष्ट किया है कि खरीददार विभाग को खुद सैंपल की गुणवत्ता की जांच करनी होगी। वहीं वित्त विभाग द्वारा तय नियमों की भी निगम द्वारा पालना नहीं की गई है। जिस कारण बाजार में उपलब्ध सामान से दोगुनी और तिगुनी दरों पर यह निगम सरकारी विभागों को सामान की सप्लाई कर रहा है। यही वजह है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन की ओर से जो तथ्य मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गए हैं, उन पर उन्होंने गंभीर रुख अपनाया है।

क्या बोले पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव

पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर राज्य हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट निगम रेट कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से बिना गुणवत्ता की परख किए भारी दरों पर पशुपालन विभाग को उपकरण सप्लाई कर चुका है। शिकायत आने पर उसकी जांच पशुपालन विभाग के निदेशक से करवाई गई थी और इसमें विभाग के 13 अधिकारियों को चार्जशीट किया जा चुका है। इस बारे गत वर्ष भी उद्योग विभाग को पत्र लिखा गया था लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला, जिस कारण मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया और उनके निर्देशों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग को पत्र भेजकर इसमें हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट निगम के अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा गया है।

 

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