Edited By kirti, Updated: 08 Mar, 2019 04:08 PM
पर्वतीय प्रदेश में जंगली जानवरों ने किसानो की खेती बचाने की चुनौती को और कठिन बना दिया है। लगातार तबाह होती फसल से मायूस किसान या तो खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं या फिर कृषि कार्य से ही तौबा कर रहे हैं । इस सबसे विपरीत जगनी के गांव नरला डाकघर नंड के...
बिलासपुर(मुकेश): पर्वतीय प्रदेश में जंगली जानवरों ने किसानो की खेती बचाने की चुनौती को और कठिन बना दिया है। लगातार तबाह होती फसल से मायूस किसान या तो खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं या फिर कृषि कार्य से ही तौबा कर रहे हैं । इस सबसे विपरीत जगनी के गांव नरला डाकघर नंड के किसान बलबीरसिंह ने खेती बचाने के लिए फसल बदलने का फैसला किया और कांगड़ा के सोरेना गाँव से स्पेशल हाइब्रिड हल्दी का 2 क्विंटल बीज लेकर आये और इसे अपने खेतो में लगाया। मात्र 210 दिनों में हल्दी की 20 गुणा से ज्यादा पैदावार प्राप्त की। बलबीर सिंह को 2 क्विंटल से 40 से 50 क्विंटल हल्दी की पैदावार हुई है।
हल्दी की इतनी अधिक पैदावार देख क्षेत्र के अन्य किसान भी इस हल्दी को खेतो में लगाने के प्रति रूचि दिखा रहे है और बलबीर सिंह से इसके बीज के लिए लगातार सम्पर्क कर रहे है। उन्होंने बताया कि हल्दी के खेतों में किसी भी तरह की खाद , कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया है केवल गोबर की खाद का प्रयोग किया गया है। हल्दी की खेती को जंगली जानवर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। बलबीर सिंह इससे पूर्व गेहूं,मक्की,टमाटर आदि फसलें खेतो में बोते थे लेकिन सारी फसलें जंगली जानवर ही तबाह कर देते थे।