एक चेले के रूप में सदैव भारत का ऋणी रहेगा तिब्बत : दलाईलामा

Edited By Vijay, Updated: 31 Mar, 2018 11:15 PM

tibet will always indebted of india as disciple

तिब्बत सरकार को वर्ष 1959 में जब चीन ने निर्वासित किया था तो एशिया में कहीं शरण नहीं मिली लेकिन जब उन्होंने भारत से मदद की गुहार लगाई तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिब्बत सरकार को भारत में न केवल शरण दी बल्कि धर्मशाला में...

धर्मशाला: तिब्बत सरकार को वर्ष 1959 में जब चीन ने निर्वासित किया था तो एशिया में कहीं शरण नहीं मिली लेकिन जब उन्होंने भारत से मदद की गुहार लगाई तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिब्बत सरकार को भारत में न केवल शरण दी बल्कि धर्मशाला में निर्वासित तिब्बत सरकार चलाने की अनुमति भी दी। दलाईलामा ने यह बात शनिवार को धर्मशाला के मैक्लोडगंज में निर्वासित तिब्बत सरकार द्वारा धर्मगुरु दलाईलामा के निर्वासन के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित ‘थैंक्यू इंडिया’ कार्यक्रम में कही। 


उदार भारतीय संस्कृति की तारीफ की
दलाईलामा टैंपल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महामहिम दलाईलामा ने कहा कि भारत देश के प्रति एक प्रकार की गुरु की श्रद्धा उत्पन्न होती है। एक चेले के रूप में तिब्बती समुदाय अपने गुरु भारत का सदैव ऋ णी रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत देश से ही बौद्ध धर्म का जन्म हुआ और विश्व में इसका प्रचार-प्रसार हुआ। बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने सभी को आशीर्वाद दिया एवं अपने संबोधन में भारत सरकार और यहां के लोगों का आभार जताते हुए उदार भारतीय संस्कृति की तारीफ की। 

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