Edited By kirti, Updated: 28 Apr, 2018 09:20 AM
प्रदेश सरकार ने जनजातीय क्षेत्र में सेवाएं देने वाले हजारों कर्मचारियों को एडवांस वेतन देने की व्यवस्था को बहाल कर दिया है। पूर्व सरकार के समय में ऐसे कर्मचारियों को एडवांस वेतन देने की व्यवस्था को बंद कर दिया था, जिसे वर्तमान सरकार ने बहाल कर दिया...
शिमला : प्रदेश सरकार ने जनजातीय क्षेत्र में सेवाएं देने वाले हजारों कर्मचारियों को एडवांस वेतन देने की व्यवस्था को बहाल कर दिया है। पूर्व सरकार के समय में ऐसे कर्मचारियों को एडवांस वेतन देने की व्यवस्था को बंद कर दिया था, जिसे वर्तमान सरकार ने बहाल कर दिया है। सरकार की तरफ से इस बारे अधिसूचना भी जारी की गई है। सरकार के इस निर्णय से जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, लाहौल-स्पीति तथा भरमौर सहित अन्य दुर्गम स्थानों पर सेवाएं दे रहे हजारों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने आर्थिकसंसाधनों को देखते हुए जनजातीय इलाकों में तैनात कर्मचारियों को एडवांस वेतन देने की व्यवस्था को बंद कर दिया था। इससे जनजातीय क्षेत्र में सेवाएं देने वाले कर्मचारी नाराज थे।
सत्ता में आते ही पुरानी व्यवस्था बहाल
सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करते हुए पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया है। इससे अब हजारों कर्मचारी पहले की तरह साल में 2 बार एकमुश्त 6-6 महीने का एडवांस वेतन ले सकेंगे। कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने चुनाव के समय कर्मचारियों को भरोसा दिया था कि सत्ता में आते ही पुरानी व्यवस्था बहाल की जाएगी। भाजपा के सत्ता में आने पर वह मंत्री बने तथा उन्होंने इस मामले को मंत्रिमंडल के समक्ष भी रखा था।