इस स्कूल में बच्चों की जिंदगी से अनमोल है पैसा, हैरान कर देगी वजह

Edited By Ekta, Updated: 11 Apr, 2018 01:58 PM

this school in children life from priceless money

नादौन के एक प्राइमरी स्कूल में 18 बच्चों की जिंदगी से अनमोल पैसे हो गए हैं। इस स्कूल में करीब 8 माह पहले जिलाधीश ने 3 जर्जर कमरों को गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन ट्रेजरी में कमरों को गिराने के लिए पैसा जमा न होने के कारण भवन को नहीं गिराया जा सका...

नादौन: नादौन के एक प्राइमरी स्कूल में 18 बच्चों की जिंदगी से अनमोल पैसे हो गए हैं। इस स्कूल में करीब 8 माह पहले जिलाधीश ने 3 जर्जर कमरों को गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन ट्रेजरी में कमरों को गिराने के लिए पैसा जमा न होने के कारण भवन को नहीं गिराया जा सका है। यहां बात राजकीय प्राथमिक स्कूल पनियाली की की जा रही है जहां पर बच्चों के साथ कभी भी कोई बड़ी अनहोनी घटना हो सकती है। मगर इस अनहोनी घटना से शिक्षा विभाग से लेकर लोक निर्माण विभाग तक ने शायद अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली है। ऐसा प्रतीत होता है कि शायद यह हादसे का इंतजार कर रहे हों। भवन की हालत इतनी दयनीय है कि हर कोई इसे देखकर हैरान रहता है।


स्कूल के पुराने कच्चे स्लेटपोश 2 कमरे धराशायी हो चुके हैं और अन्य 2 कमरे जर्जर हालत में हैं और गिरने की कगार पर हैं। सरकार ने स्कूल के लिए आधुनिक किस्म के 3 पक्के कमरे भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बना दिए हैं और इन कमरों में बच्चे पढ़ाई करते हैं मगर अक्सर स्कूल टाइम के दौरान छोटे-छोटे बच्चे इस जर्जर भवन के साथ बने खेल के मैदान में खेलते रहते हैं। स्कूल में मैडम भी कई बार इन नन्हें बच्चों को इस जर्जर स्कूल भवन के पास जाने से रोकती है। यहां कुल 18 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं मगर अब स्कूल अध्यापिकाएं बच्चों को पढ़ाएं या ड्यूटी को निभाएं। उनका कहना है कि उन्होंने इस विषय पर अपने विभाग को अवगत करवा दिया है। जिलाधीश हमीरपुर ने भी 8 माह पहले इस जर्जर भवन को गिराने के आदेश दे दिए हैं मगर लोक निर्माण विभाग ने इस भवन को गिराने से पहले एक नया ही अड़ंगा डाल दिया है। 


भवन को गिराने में यह है अड़ंगा 
इस भवन के 3 पुराने कच्चे कमरों को गिराने से पहले लोक निर्माण विभाग ने इसका मुआयना किया है। भवन को गिराने से पहले भवन के मौजूदा मैटीरियल के 35,933 रुपए ट्रेजरी में जमा करवाने के आदेश स्कूल को दिए हैं या 3 कमरे कच्ची मिट्टी के बने हैं। कमरों के निर्माण में 40 साल पहले लगी लकड़ी भी पूरी तरह गल-सड़ चुकी है। मात्र पुराने स्लेट ही इस भवन के किसी अन्य जगह काम आ सकते हैं और आज-कल स्लेटपोश मकान गांव में लोग कम ही बना रहे हैं। मात्र 3 कमरों के इन पुराने स्लेटों को कोई 40 हजार रुपए में क्यों खरीदेगा और इसी वजह से कोई भी ठेकेदार इस काम को करने से मना कर रहा है। स्कूल प्रबंधन समिति व स्कूल प्रशासन ने काफी प्रयास किए मगर जो अस्टीमेट लोक निर्माण विभाग ने बनाया है, इतना ज्यादा है कि कोई भी इस काम को नहीं कर सकता है। 


ऐसा है तो जांच करवाएंगे : डी.सी.
जिलाधीश राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो वह इस मामले की जांच करवाएंगे और इस जर्जर भवन को गिराने के लिए शीघ्र लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा जाएगा। 

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