Edited By Vijay, Updated: 21 Jun, 2019 04:27 PM
मंडी जिला की बल्ह तहसील के डडौह गांव के मनसब अली आज खूब चर्चा में हैं। मनसब अली ने टमाटर की खेती से सफलता की नई कहानी रचकर घर की आर्थिक स्थिति तो बदली ही है, साथ ही अपनी एक नई पहचान भी बनाई है। करीब 15 साल पहले मनसब अली के सिर से पिता का साया उठ गया...
नेरचौक: मंडी जिला की बल्ह तहसील के डडौह गांव के मनसब अली आज खूब चर्चा में हैं। मनसब अली ने टमाटर की खेती से सफलता की नई कहानी रचकर घर की आर्थिक स्थिति तो बदली ही है, साथ ही अपनी एक नई पहचान भी बनाई है। करीब 15 साल पहले मनसब अली के सिर से पिता का साया उठ गया था और उन पर अपनी मां, पत्नी और 2 बच्चों का जिम्मा था।
25-30 युवाओं को दे रखा है रोजगार
मनसब अली ने खेतीबाड़ी को रोजगार का साधन बनाने का फैसला किया और टमाटर की खेती शुरू की मगर अपनी महज 5 बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी उनकी आंखों में पल रहे सपनों को पूरा करने के लिए काफी नहीं थी। उन्होंने साथ लगती 35 बीघा जमीन पड़ोसियों से लीज पर ले ली और फिर जीतोड़ मेहनत करते हुए खुद को पूरी तरह खेती के काम में झोंक दिया। देखते ही देखते दिन बदलने लगे और आज वह टमाटर के एक सीजन में 35 से 40 लाख रुपए तक का कारोबार कर रहे हैं और साथ ही अपने यहां 25-30 युवाओं को रोजगार दे रखा है।
खेत से हर रोज निकाल रहे टमाटर के 120 से ज्यादा क्रेट
मनसब अली बताते हैं कि इस बार सीजन की शुरूआत से ही वह हर रोज टमाटर के 120 से ज्यादा क्रेट निकाल रहे हैं। उनका कहना है कि सब ठीक-ठाक रहा तो इस मर्तबा टमाटर के 10,000 से ज्यादा क्रेट निकलने का अनुमान है, जिससे करीब 40 लाख रुपए की आमदनी हो जाएगी। उनका टमाटर स्थानीय मंडी के अलावा दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू भेजा जा रहा है। इन प्रदेशों के व्यापारी भी टमाटर व अन्य सब्जी की खरीद-फरोख्त के लिए यहां आ रहे हैं ।
बड़े काम आई कृषि विभाग की मदद
कृषि विभाग भी मनसब अली की भरपूर मदद कर रहा है। बकौल मनसब अली खेतीबाड़ी में कृषि विभाग की मदद भी उनके बड़े काम आई है। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन, बेहतर बीज, दवाइयां और खेती के आधुनिक तौर तरीकों की जानकारी खेती की पैदावार बढ़ाने में मददगार साबित हुई।
क्या कहते हैं कृषि विकास अधिकारी
कृषि विकास अधिकारी बल्ह नरेश कुमार ने बताया कि विभाग मनसब अली जैसे सभी किसानों को स्प्रे पंप और सिंचाई पाइपें सबसिडी पर उपलब्ध करवा रहा है। समय-समय पर खेतों का निरीक्षण और फसल में लगने वाली बीमारियों का निदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर किसानों के लिए जागरूकता शिविर भी लगाए जा रहे हैं, जिससे किसानों को खेती की नई तकनीकों और तौर तरीकों से अवगत करवाया जा सके।