Edited By prashant sharma, Updated: 14 Jul, 2020 04:44 PM
वन विभाग के एकमात्र अनुसंधान केंद्र सुंदरनगर में हिमाचल प्रदेश की वन संपदा के एक ही छत के नीचे दर्शन मुहैया होंगे। वन विभाग के इस एकमात्र संस्थान ने हिमाचल प्रदेश के जंगलों से हर तरह की वन संपदा को संजोए हुआ है और इस प्रशिक्षण संस्थान में सजाया हुआ...
सुंदरनगर (ब्यूरो): वन विभाग के एकमात्र अनुसंधान केंद्र सुंदरनगर में हिमाचल प्रदेश की वन संपदा के एक ही छत के नीचे दर्शन मुहैया होंगे। वन विभाग के इस एकमात्र संस्थान ने हिमाचल प्रदेश के जंगलों से हर तरह की वन संपदा को संजोए हुआ है और इस प्रशिक्षण संस्थान में सजाया हुआ है जोकि लोगों के लिए ज्ञानवर्द्धन के रूप में मार्गदर्शन कर रहा है। इस अनुसंधान केंद्र के डीएफओ हैडक्वार्टर तिलक राज शर्मा का कहना है कि अनुसंधान केंद्र के प्रयास से लकड़ी, जड़ी-बूटियां और पौधे इत्यादि हर तरह की वन संपदा का संग्रह करके यहां पर संजोए हुआ है। स्कूल के बच्चे व आम जनता यहां पर आकर हिमाचल प्रदेश की वन संपदा की औषधीय जड़ी बूटियों की जान-पहचान और उनकी जानकारी जुटा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के इस अनुसंधान केंद्र के तहत ऑफिस के साथ और हरबाग के रोपड़ी और जुरीधार के देवीगढ़ में नर्सरी है, जहां से पौध तैयार करके आगे आम जनता तक पहुंचाई जाती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार की वन समृद्धि जन समृद्धि योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के जंगलों की जड़ी-बूटियों और विभिन्न प्रकार के संपदाओं का संग्रह किया जा रहा है, जिसमें आम जनता की सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है।
इस योजना के तहत पौधे विभाग देगा और उनका आगे संरक्षण आम जनता करेगी। जब पौधे जड़ी-बूटी के रूप में तैयार हो जाएंगे तो उनको बेचकर आय भी अर्जित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक कोरोना महामारी के चलते आम जनता अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए जड़ी-बूटियों का ग्रहण करे और अपने घर में लगाए ताकि इनका सही तरह से दोहन कर सकें।