सरकार यह है स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, 3 स्टाफ नर्सों के सहारे यह अस्पताल

Edited By kirti, Updated: 23 Feb, 2019 09:48 AM

this hospital with the help of 3 staff nurses

सरकारें बड़े-बड़े दावे करती हैं कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वास्तव में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या हालत है, इसका पता ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में लगता है।

अर्की (सुरेन्द्र): सरकारें बड़े-बड़े दावे करती हैं कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वास्तव में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या हालत है, इसका पता ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। यहां उपमंडल मुख्यालय में स्थित सिविल अस्पताल जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की मार झेल रहा है, वहीं स्टाफ नर्सों की कमी के कारण रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अस्पताल में दाखिल रोगियों की संख्या 50 से अधिक होती है। सरकार के मापदंड के अनुसार 3 रोगियों की देखभाल के लिए 1 स्टाफ नर्स होनी चाहिए। इस हिसाब से इस अस्पताल में 20 पद स्टाफ नर्सों के होने चाहिए थे किंतु हालत यह है कि अस्पताल मात्र 3 स्टाफ नर्सों के सहारे चल रहा है। अस्पताल में कुल 7 पद नर्सों के स्वीकृत हैं। इनमें से 3 पद रिक्त चल रहे हैं जबकि एक स्टाफ नर्स प्रसूति अवकाश पर है। जानकारी के अनुसार हर माह इस अस्पताल में 60 से 80 तक महिलाओं की डिलीवरी होती है। 4 बजे के बाद स्टाफ नर्सों को एमरजैंसी भी देखनी पड़ती है। स्टाफ नर्सों की कमी के बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके संज्ञान में मामला आया है तथा रिक्त पद जल्द भर दिए जाएंगे।
 

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