Edited By Ekta, Updated: 28 Jan, 2019 11:44 AM
हौसलों की उड़ान ऊंची हो तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। इस बात को मशहूर सेब बागवान रामलाल चौहान ने सच कर दिखाया है। शिमला शहर से 55 किलोमीटर दूर बखोल पंचायत में ही ढांगवी गांव के निवासी रामलाल चौहान (60) ने पहाड़ी नौजवानों को सपने दिखाए। उन्होंने...
शिमला: हौसलों की उड़ान ऊंची हो तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। इस बात को मशहूर सेब बागवान रामलाल चौहान ने सच कर दिखाया है। शिमला शहर से 55 किलोमीटर दूर बखोल पंचायत में ही ढांगवी गांव के निवासी रामलाल चौहान (60) ने पहाड़ी नौजवानों को सपने दिखाए। उन्होंने कहा कि नौकरी छोड़ खुद का काम शुरू करो।
अच्छी किस्म का सेब उगाओ, सपने पूरे होंगे। वहीं कई नौजवान उनके नक्शेकदम पर चले, वे अब अमीर बनकर औरों को नौकरी दे रहे हैं। बता दें कि रामलाल चौहान के पास दो बगीचे हैं। उसने घर ऐसे बनाए हैं, जैसे किसी राजा का महल हो। चौहान की सेब बागवानी से सालाना आमदनी एक करोड़ रुपए से ज्यादा है।
महाराष्ट्र में संतरे के कारोबारी के पास कमीशन एजेंट का काम करने वाले चौहान ने हाल ही में एक करोड़ 40 लाख रुपए खर्च कर रेंज रोवर कार खरीदी है। इसमें 47 लाख रुपए आयात शुल्क, टैक्स, पंजीकरण और बीमा के चुकता किए हैं। उन्होंने बताया कि 1981 से लेकर 1997 तक उन्होंने महाराष्ट्र में संतरा कारोबारी के साथ कमीशन एजेंट के रूप में काम शुरू किया। इस काम से गुजारा भर होता था। 1997 में सब छोड़कर अपने गांव लौटे। उनके 7 भाई होने के कारण उनके हिस्से में 10 बीघा जमीन ही आई।
उन्होंने सेब के पेड़ काटकर इनके ऊपर हाई कलर किस्मों की टॉप ग्राफ्टिंग की। ग्राफ्टिंग के लिए लोग उनसे बडवुड खरीदकर ले जाने लगे। खास बात यह है कि चौहान सैकड़ों पुरस्कार पा चुके हैं। हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन वर्ष 2011 में उनको फार्मर ऑफ द ईयर्स अवार्ड दे चुके हैं।