Edited By kirti, Updated: 15 Oct, 2018 05:00 PM
सरकार भले ही उचित शिक्षा के दावे करती है लेकिन ये दावे फेल हो रहे हैं। शिक्षा खंड सलूणी के अंतर्गत आने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला बिल्ला में पिछले एक साल से अध्यापकों के 2 पदों में से मुख्य शिक्षक का एकमात्र पद भरा हुआ है और जे.बी.टी. का पद खाली...
तेलका : सरकार भले ही उचित शिक्षा के दावे करती है लेकिन ये दावे फेल हो रहे हैं। शिक्षा खंड सलूणी के अंतर्गत आने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला बिल्ला में पिछले एक साल से अध्यापकों के 2 पदों में से मुख्य शिक्षक का एकमात्र पद भरा हुआ है और जे.बी.टी. का पद खाली चल रहा है जिसके बाद एक ही अध्यापक के सहारे सारा काम चलाया जा रहा है। स्कूल में एक ही अध्यापक होने से बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है क्योंकि एक अध्यापक को पढ़ाई के साथ-साथ डाक, बच्चों के दोपहर के खाने के साथ-साथ अन्य कार्य भी देखने पड़ते हैं जिससे बच्चों को पढ़ाने का पूरा समय नहीं मिल पाता।
इस समय स्कूल में 40 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनकी पढ़ाई का जिम्मा एक ही अध्यापक के कंधों पर है। परिणामस्वरूप स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की पढ़ाई रामभरोसे चल रही है जिससे अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की ङ्क्षचता सताने लगी है। बिल्ला स्कूल में कार्यरत मुख्याध्यापक काशमदीन का कहना है कि स्कूल में खाली पद के कारण बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां संभालनी पड़ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले को सरकार के समक्षकई बार रख चुके हैं लेकिन कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है जिससे लोगों में सरकार के खिलाफ रोष है।
अभिभावकों केवल सिंह पठानिया, खेमराज, सुरेश कुमार, बालक राम, योगराज, टेक चंद, प्यार सिंह, नागेश कुमार, सुरेंद्र, हेमराज व प्रेम लाल आदि ने सरकार तथा शिक्षा विभाग से मांग की है कि स्कूल में अध्यापक के खाली पद को जल्द भरा जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े। उनका कहना है कि अगर जल्द खाली पद को नहीं भरा जाता है तो वे स्कूल में तालाबंदी कर देंगे और धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे ।