इन दिनों जनक मशरूम केंद्र पर पड़ा फोरलेन का साया

Edited By Punjab Kesari, Updated: 11 Mar, 2018 02:04 PM

these days the furlen shaft at the parent mushroom center

​​​​​​​देश में खुंब उत्पादन के जनक मशरूम केंद्र सोलन पर इन दिनों फोरलेन का साया पड़ रहा है। दरअसल देश में सबसे पहले मशरूम का उत्पादन सोलन शहर के चंबाघाट में किया गया था। इसीलिए सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया का दर्जा दिया गया है

सोलन: देश में खुंब उत्पादन के जनक मशरूम केंद्र सोलन पर इन दिनों फोरलेन का साया पड़ रहा है। दरअसल देश में सबसे पहले मशरूम का उत्पादन सोलन शहर के चंबाघाट में किया गया था। इसीलिए सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया का दर्जा दिया गया है। यहां मशरूम उत्पादन को शुरू करने में जर्मनी के वैज्ञानिकों की भी अहम भूमिका रही है। उनकी चंबाघाट में बनाई गई कंपोस्ट यूनिट प्रदेश भर के मशरूम उत्पादकों को कंपोस्ट सप्लाई कर रही है। यह यूनिट उद्यान विभाग के मशरूम विकास केंद्र के अधीन चल रही है।

1961 से की जा रही खेती 
गौरतलब है कि चंबाघाट में वर्ष 1961 से खुंब की खेती की जा रही है यहां देश में पहली बार मशरूम उत्पादन चंबाघाट में शुरू किया गया था। आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली ने सबसे पहले चंबाघाट में स्पॉन लैब लगाई, जिसके बार यहां के धर्मपुर, कसौली व चायल के कुछ लोगों ने खेती करना शुरू किया। किसानों को अच्छी कंपोस्ट उपलब्ध न होने के कारण इसे अधिक नहीं बढ़ाया जा सका। इसके बाद खुंब खाद बनाने के लिए नए-नए तरीके अपनाए गए, लेकिन सब बेकार रहा और खुंब उत्पादन पिछड़ता रहा।

यू.एन.डी.पी. प्रोजैक्ट से मिली दिशा 
वर्ष 1978 में संयुक्त राष्ट्र विकास परियोजना (यू.एन.डी.पी.) के तहत मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1.27 करोड़ रुपए की आॢथक सहायता मिली। इसी आॢथक मदद से यहां खुंब कंपोस्ट का कार्य आरंभ हुआ और जर्मनी के वैज्ञानिकों ने इसे नई दिशा प्रदान की। वैज्ञानिकों ने यहां उच्च तकनीक पर आधारित कंपोस्ट यूनिट का निर्माण किया और वर्ष 1980 में यह प्रोजैक्ट पूरा हो गया। इसके बाद उद्यान विभाग स्वतंत्र रूप से इस कंपोस्ट यूनिट की देखरेख कर रहा है।

सस्ती दरों पर मिलती है कंपोस्ट 
खुंब परियोजना के तहत उत्पादकों को सस्ती दरों पर कंपोस्ट मुहैया करवाई जाती है। यहां पंजीकृत मशरूम उत्पादकों को 80 रुपए का बैग 50 रुपए में सबसिडी पर मिलता है। पंजीकृत किसान को 1600 बैग अनुदान पर मिलते हैं। पहली बार में 400 बैग तक दिए जाते हैं। इसके अलावा खुंब परियोजना के तहत जो लोग मशरूम उत्पादन, कंपोस्ट यूनिट या स्पॉन यूनिट लगाना चाहते हैं उन्हें विभाग की ओर से सबसिडी भी दी जाती है। 20 लाख तक की मशरूम उत्पादन यूनिट और कंपोस्ट यूनिट प्रोजैक्ट पर 8 लाख रुपए तक की सबसिडी प्रदान की जाती है। इसी प्रकार 15 लाख रुपए तक की स्पॉन यूनिट प्रोजैक्ट लगाने पर 6 लाख रुपए तक की सबसिडी प्रदान की जाती है।

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