इन 52 कारोबारियों पर गिरी गाज, लगा लाखों रुपए का Fines

Edited By kirti, Updated: 10 Mar, 2019 11:37 AM

these 52 businessmen felt penalties

राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने ई-वे बिल का भुगतान न करने वाले कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग की सोलन टीम ने वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत ई-वे बिल न भरने पर 52 कारोबारियों को 24.67 लाख रुपए का जुर्माना किया है।

सोलन : राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने ई-वे बिल का भुगतान न करने वाले कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग की सोलन टीम ने वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत ई-वे बिल न भरने पर 52 कारोबारियों को 24.67 लाख रुपए का जुर्माना किया है। राजस्व जिला सोलन में 52 कारोबारियों ने ई-वे बिल नहीं भरे थे। राज्य वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम-2017 के अंतर्गत प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने 1 अप्रैल, 2018 से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने के लिए ई-वे बिल भरना अनिवार्य किया है। यह उन वस्तुओं पर आवश्यक है, जिन पर जी.एस.टी. लगता है। जी.एस.टी. से मुक्त वस्तुओं पर ई-वे बिल भरना अनिवार्य नहीं है।

बी भाग नहीं भरा था जांच में पाया गया है कि कारोबारियों ने ई-वे बिल का बी भाग नहीं भरा था। इसमें गाड़ी नंबर भरा जाता है। यदि इसमें गाड़ी नंबर ही नहीं होगा तो एक ही बिल पर कई गाडिय़ों में सामान ढोया जा सकता है। इसके कारण प्रदेश के राजस्व को लाखों रुपए के टैक्स चूना लग रहा था। इसके अलावा सोलन में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें भरे गए ई-वे बिल पर गाड़ी का और नंबर भरा हुआ था जबकि मौके पर सामान अन्य किसी गाड़ी में ढोया जा रहा था। पहले यह था नियम पहले ई-वे बिल एक राज्य से दूसरे राज्य में माल को लाने व ले जाने के लिए भरना अनिवार्य था। 3 जून, 2018 से इसको लेकर नियम बदल गए हैं। अब प्रदेश के भीतर भी 50,000 रुपए मूल्य से अधिक सामान लाने व ले जाने के लिए ई-वे बिल भरना अनिवार्य है।

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