Edited By Vijay, Updated: 02 Jan, 2020 04:41 PM
जिला शिमला के प्रवेश द्वार ठियोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराती हईं नजर आ रही हैं। ठियोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में इन दिनों मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर अस्पताल तो है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टर नहीं हैं।
ठियोग (सुरेश): जिला शिमला के प्रवेश द्वार ठियोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराती हईं नजर आ रही हैं। ठियोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में इन दिनों मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर अस्पताल तो है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टर नहीं हैं। यहां हर रोज मरीज अपना इलाज कराने तो आते हैं लेकिन डॉक्टर न होने के चलते उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। इन दिनों अस्पताल में केवल 5 ही डॉक्टर हैं। मैडीसिन, हड्डी रोग सहित 8 डॉक्टर एक माह पहले यहां से जा चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार ने यहां दूसरे किसी डॉक्टर को नहीं भेजा।
अस्पताल के अधिकतर कमरों में लटके हुए हैं ताले
ठियोग अस्पताल के अधिकतर कमरों में ताले लटके हुए हैं। अस्पताल में जो डॉक्टर मौजूद हैं उनके पास इतने मरीज हैं कि उन्हें खाना खाने तक का समय नहीं मिल पा रहा है। ठियोग की 50 पंचायतों सहित चौपाल, रोहड़ू और कोटखाई सहित रामपुर के लोग भी बीमारी के समय इसी अस्पताल पर निर्भर रहते हैं। अब जब सर्दियों के मौसम में बर्फबारी से शिमला जाना भी आसान नहीं होता तो ऐसे में मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है।
लोग बोले-इतने बड़े अस्पताल का कोई फायदा नहीं
अस्पताल में इलाज कराने आए लोगों का कहना है कि सरकार जब शहर के अस्पतालों में सुविधाएं प्रदान नहीं कर सकती तो गांवों के हालात क्या होंगे इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। लोगों का कहना है कि सरकार ने इतना खर्च करके अस्पताल तो खोल दिया लेकिन डॉक्टर के न होने से इसका कोई फायदा नहीं। उन्होंने कहा कि अभी सर्दियों के महीने में कुफरी से शिमला जाना बहुत मुश्किल हो जाता है और ठियोग में डॉक्टर न होने से गांव के लोगों को बेहद परेशानी हो रही है, ऐसे में सरकार को जल्द यहां डॉक्टरों की तैनाती करनी चाहिए।
15 की जगह 5 डॉक्टर कर रहे काम
वहीं अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि 15 डॉक्टरों की जगह 5 डॉक्टर काम कर रहे हैं और मरीजों की तादाद बहुत ज्यादा है, ऐसे में कई बार मरीजों के साथ उलझना पड़ता है और एमरजैंसी के समय भी डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं दे पाते।