Edited By Ekta, Updated: 10 Sep, 2018 01:04 PM
धर्मशाला में हनुमान मंदिर के पास कचहरी अड्डे पर एक बैनर पर लगी फोटो ने एक बार फिर नूरपुर हादसे की याद दिला दी। इस बैनर पर उन बच्चों की फोटो लगी हुई है जो इसी साल अप्रैल में नूरपुर में बस हादसे का शिकार हुए थे। सोमवार को इनके माता-पिता और रिश्तेदार...
धर्मशाला (जिनेश): धर्मशाला में हनुमान मंदिर के पास कचहरी अड्डे पर एक बैनर पर लगी फोटो ने एक बार फिर नूरपुर हादसे की याद दिला दी। इस बैनर पर उन बच्चों की फोटो लगी हुई है जो इसी साल अप्रैल में नूरपुर में बस हादसे का शिकार हुए थे। सोमवार को इनके माता-पिता और रिश्तेदार भी धर्मशाला जिला मुख्यालय पहुंचे। बैनर हर राहगीर की आंखों को नम कर रहा है वहीं परिजनों की आंखें एक बार फिर नम हुई। इस बैनर पर स्वर्गीय बच्चों की तरफ से एक अपील दर्ज है। इसको आप फोटो में पढ़ सकते हैं।
इसमें लिखा है कि, "चंद पल हमे दे दो प्लीज...भैया, दीदी, अंकल-आंटी, दादा-दादी...पता नहीं आप हमारे क्या हो? कैसे दिखते हो? हम नहीं जानते...क्योंकि हम आपकी दुनिया में नहीं हैं। हम तारे बन चुके हैं। आसमान में बैठे हैं। आप जमीन पर हैं। हम वो बच्चे हैं, जो नूरपुर बस हादसे में दुनिया को छोड़ कर चंदा मामा के आसपास आकर बैठे हुए हैं। हम आपको देख रहे हैं,पर आप हमें नहीं देख रहे हैं। हम बहुत छोटे थे, जब आपकी दुनिया से चले आए थे। हमारे साथ कुछ बच्चे ऐसे भी आ गए थे,जो स्कूल में भी उस दिन पहली बार गए थे।
जिंदगी के सबक हमने सीखे ही नहीं थे और मौत हमे पाठ पढ़ा कर अपने साथ ले आई थी और अब हमारी आत्माएं आप सभी से कुछ सवाल पूछना चाह रही है..." यह सब कलेजे को चीर रहे हैं। एक-एक नन्हे बच्चे की फोटो और उनकी आंखों की मासूमियत लोगों को भावुक कर रही है। अभी नूरपुर से लोग यहां पहुंच रहे हैं। मगर जिन खास लोगों (अफसरों) के पास यह आ रहे हैं, वो नजर नहीं आ रहे। लोगों के दिलों में दर्द की सुनामी कहर बरपा रही है।धर्मशाला पहुंचे परिजनों ने एक बार फिर सीबीआई जांच की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि नूरपुर स्कूल बस हादसे को पूरे पांच महीने बीत चुके हैं। 9 अप्रैल को हुए इस दर्दनाक बस हादसे में 24 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे ने प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया था। हादसे के बाद से लेकर मृतकों के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। न्याय के लिए वे हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। मामले में परिजनों ने सीबीआई जांच की गुहार लगाई है।