Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Oct, 2017 04:44 PM
पांवटा के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने ऐसा काम कर दिखाया है कि उनकी हिम्मत को देख आप सलाम करने पर मजबूर हो जाएंगे।
पांवटा साहिब: पांवटा के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने ऐसा काम कर दिखाया है कि उनकी हिम्मत को देख आप सलाम करने पर मजबूर हो जाएंगे। दरअसल भटरोग गांव के ग्रामीणों ने सरकार से दुखी होकर खुद ही पहाड़ काटकर पैदल रास्ता बना डाला। इस गांव से होते हुए पहले सतौन से सालवाला के लिए सड़क बनी हुई थी और सतौन से डाकपत्थर के लिए भटरोग से होते हुए परिवहन निगम की बस चलती थी। लेकिन विभाग की लापरवाही से अब सड़क तो दूर की बात वहां पैदल जाने का रास्ता भी नहीं था। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हिमाचल के निर्माता व प्रथम मुख्यमंत्री डॉक्टर वाई एस परमार ने 1971 में सतौन से डाकपत्थर के लिए भटरोग से होते हुए सड़क बनवाई थी।
सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीणों ने बना डाला रास्ता
विभाग की बेरूखी के कारण सड़क का अस्तित्व ही खत्म हो गया। भटरोग से हर रोज स्कूली बच्चे सतौन के लिए स्कूल जाते हैं लेकिन खतरनाक रास्ता होने के कारण अभिभावकों को हमेशा डर लगा रहता है। बरसात के समय एक तरफ गिरीनदी व दूसरी तरफ खतरनाक रास्ता होने से बच्चे स्कूल ही नहीं जाते। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार दोनों राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से सड़क बनाने की मांग कर चुके है लेकिन आज तक किसी ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण ग्रामीणों को खुद ही पैदल रास्ता बनाना पड़ा।