चरस के लिए चर्चित रहने वाली घाटी अब सिंथैटिक ड्रग्स की चपेट में, चौकाने वाले हैं आंकड़े

Edited By Ekta, Updated: 26 Jun, 2018 04:14 PM

the valley that is famous for charas is now the grip of synthetic drug

कुल्लू जिला की पहचान पूरे विश्व में देवभूमि के रूप में होती रही है लेकिन अब यही नशे के कारोबारियों का गढ़ बनता जा रहा है। कभी चरस के लिए चर्चित रहने वाली कुल्लू-मनाली घाटी में अब सिंथैटिक ड्रग्स ने चुनौती दे दी है। इस नशे के दलदल में धंसती जा रही...

मनाली (सोनू): कुल्लू जिला की पहचान पूरे विश्व में देवभूमि के रूप में होती रही है लेकिन अब यही नशे के कारोबारियों का गढ़ बनता जा रहा है। कभी चरस के लिए चर्चित रहने वाली कुल्लू-मनाली घाटी में अब सिंथैटिक ड्रग्स ने चुनौती दे दी है। इस नशे के दलदल में धंसती जा रही युवा पीढ़ी हिमाचल के भविष्य के लिए बड़ा खतरा बन गई है। अभिभावकों के लिए भी नशे ने खतरे की घंटी बजा दी है। नशे के दलदल में फंसे युवाओं में 13 से 22 साल तक के युवाओं की संख्या अधिक है। पुलिस से मिले पिछले 10 सालों के आंकड़े चौकाने वाले हैं। इनमें एन.डी.पी.एस. के तहत 1798 मामलों में लगभग 1936 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 


161 विदेशी नागरिक भी गिरफ्तार हुए हैं। अधिकतर मामले कोकेन, एल.एस.डी., ब्राऊन शूगर, हैरोइन व एम.डी.एम. जैसे ड्रग्स के हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू सिविल अस्पताल में एकमात्र नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉक्टर सत्याव्रत वैद्य ने बताया कि पिछले दो सालों में इस केंद्र में आने वाले मामले सिंथैटिक ड्रग्स को लेकर है, जिनमें युवा वर्ग सबसे ज्यादा है। मामला गंभीर है और इसकी रोकथाम के लिए पुलिस की टीम काम कर रही है, वहीं एस.पी. कुल्लू शालिनी अग्निहोत्री ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे अपने युवाओं की सही देखभाल करें और उनकी दिनचर्या पर नजर रखें। साथ ही नशा बेच रहे लोगों की जानकारी पुलिस के साथ सांझा करें। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी साथ ही ईनाम भी दिया जाएगा।  


नशा मुक्ति केंद्र में 70 फीसदी मामले
चरस के बाद अब कोकेन, एल.एस.डी., ब्राऊन शूगर, हैरोइन व एम.डी.एम. जैसे सिंथैटिक ड्रग्स जिला कुल्लू के युवाओं को अपनी जकड़ में ले रहे हैं। कुल्लू नशा मुक्ति केंद्र में सिंथैटिक ड्रग्स ग्रस्त के 70 प्रतिशत मामले हैं। नया सेवरा नशा मुक्ति केंद्र के मुताबिक अब तक 1600 मामलों में 70 प्रतिशत युवा उनके केंद्र में अपना इलाज करवा चुके हैं। इस केंद्र में लगभग 70 प्रतिशत मामले सिंथैटिक ड्रग्स के आ रहे हैं जोकि एक ङ्क्षचता का विषय है।

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