Edited By kirti, Updated: 17 Feb, 2019 01:16 PM
देश में कम समय में गेहूं की नई किस्म विकसित करने का कार्य अब पालमपुर देखेगा। अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से पालमपुर में राष्ट्रीय स्तर की सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की अनुशंसा की गई है। पालमपुर में आयोजित गेहूं पर अंतर्राष्ट्रीय समूह बैठक में ...
पालमपुर : देश में कम समय में गेहूं की नई किस्म विकसित करने का कार्य अब पालमपुर देखेगा। अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से पालमपुर में राष्ट्रीय स्तर की सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की अनुशंसा की गई है। पालमपुर में आयोजित गेहूं पर अंतर्राष्ट्रीय समूह बैठक में इस बारे में सभी वैज्ञानिक एकमत रहे। यही नहीं देश में व्हीट ब्लास्ट जैसा नया रोग गेहूं को अपनी चपेट में न ले इस हेतु भारत बांगलादेश सीमा पर कड़ी निगरानी रखे जाने की भी संस्तुति की गई है। बांगलादेश में व्हीट ब्लास्ट रोग गेहूं पर दस्तक दे चुका है, ऐसे में इस रोग से जुड़े रोगजनक जीव विज्ञान, आनुवांशिकी व प्रजनन की बुनियादी समझा पर शोध आरंभ किए जाने को आवश्यक बताया गया।
समापन अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करके गेहूं की उपज को बढ़ाया जाना समय की मांग है। कुलपति ने कहा कि विश्व के उच्च कोटि के वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं पर अब तक हुए अनुसंधान के निष्कर्षों पर चर्चा से वैज्ञानिक व स्नातकोत्तर छात्र अवश्य ही लाभान्वित होंगे। आयोजन सचिव डा. सिन्धु सरीन व स्थानीय आयोजन सचिव डा. एच.के. चौधरी ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर जानकारी दी कि इस तीन दिवसीय बैठक में गेहूं की फसल के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण अनुशंसा जारी की गईं हैं।