Edited By Ekta, Updated: 28 Jun, 2018 12:10 PM
प्रदेश विश्वविद्यालय के रीजनल सैंटर मोहली में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों से कमरों के किराए के नाम पर हजारों रुपए ऐंठे जा रहे हैं। कमरों के 1500 से 3000 हजार रुपए तो पी.जी. के 4500 रुपए लिए जा रहे हैं। अधिकतर छात्र गरीब और मध्यम परिवारों से...
धर्मशाला: प्रदेश विश्वविद्यालय के रीजनल सैंटर मोहली में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों से कमरों के किराए के नाम पर हजारों रुपए ऐंठे जा रहे हैं। कमरों के 1500 से 3000 हजार रुपए तो पी.जी. के 4500 रुपए लिए जा रहे हैं। अधिकतर छात्र गरीब और मध्यम परिवारों से पढ़ाई करने आते हैं इसलिए एक ओर जहां फीस वृद्धि से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है दूसरी ओर कमरों के बढ़े किराए ने विद्यार्थियों की कमर तोड़ दी है। सैंटर की स्थापना प्रदेश के विभिन्न जिलों कांगड़ा, चम्बा, कुल्लू, व लाहौल-स्पिति जैसे दूर्गम क्षेत्रों के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था। लेकिन आलम यह है कि मोहली, खनियारा, फतेहपुर, रक्कड़ व जिला मुख्यालय धर्मशाला के आसपास सैंकड़ों छात्र रहते हैं जिनके सहारे बड़े-बड़े घर व पी.जी. बनाकर लोग खूब पैसा ऐंठने में लगे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि होस्टल नहीं हैं और न ही पर्याप्त परिवहन व्यवस्था है जिसके चलते मकान मालिक व निजी वाहन मालिक अधिक किराया वसूल करते हैं। रीजनल सैंटर के विद्यार्थियों का कहना है कि सैंटर प्रशासन के समक्ष कई बार हास्टल व परिवहन व्यवस्था का मामला उठाया जा चुका है लेकिन लगभग 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। विधि विभाग के छात्र साहिल शर्मा, अरिंदम ठाकुर, अंजली, विशाल, सीवेंदर सैनी, अभित कौशल, लीलाधर, अजय, गुगी चौपड़ा व बसंतु गौतम कहते हैं कि हमारे मकान भी हैं और हम भी विद्यार्थियों को किराए पर कमरे देते हैं लेकिन वे इनसे किराए के नाम पर लूट मचाने वालों के खिलाफ हैं। पी.जी. और कमरों के नाम पर विद्यार्थियों अधिक किराया लेकर खूब परेशान किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि हद तो यह है कि साधारण कमरों के भी 200 से 2500 रुपए लिए जा रहे हैं। किचन और टायलेट अटैचड कमरों के 2800 से 3000 रुपए लिए जा रहे हैं।
विद्यार्थी परिषद के इकाई अध्यक्ष डिक्कन कुमार का कहना है कि प्रशासन और सरकार के समक्ष लगातार हास्टल और परिवहन व्यवस्था का म़ुददा उठाया गया है। परिवहन व्यवस्था के लिए सैंटर के लिए स्पैशल बस होनी चाहिए जो क्लोक वाइज और एंटी क्लोक वाइज चले। पिछले वर्ष से मकान मालिकों ने अचानक किराए में बढ़ोतरी कर दी है जो बहुत ही दुखद है। छात्रों के साथ लूट न हो इसके लिए विद्यार्थी परिषद आगामी महीने में बैठक करके रणनीति तय करेगी। एन.एस.यू.आई. के इकाई अध्यक्ष मनिंदर कुमार का कहते हैं कि रीजनल सैंटर में परिवहन की कोई परेशानी नहीं है और किराया ज्यादा है इसलिए वे मकानमालिकों से किराया कम करने की अपील करेंगे। इस तरह का मामला ध्यान में नहीं था आपके माध्यम से मामला ध्यान में लाया गया है। लोग इस तरह के मामले प्रशासन के समक्ष लाएं। अगर इस तरह अन्याय हो रहा है तो इस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।