चम्बा के इस PHC ने खोली सरकार के दावों की पोल, जानने के लिए पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 10 Jan, 2019 04:38 PM

the phc of chamba opened the claims of government

सरकार भले ही लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने के बड़े-बड़े दावे करती है मगर जमीनी स्तर पर ये दावे खोखले ही नजर आते हैं। जिला के ऐसे कई स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां डॉक्टरों की भारी कमी चल रही है। ऐसा ही हाल है विधानसभा क्षेत्र चुराह के तहत आने...

डियूर: सरकार भले ही लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने के बड़े-बड़े दावे करती है मगर जमीनी स्तर पर ये दावे खोखले ही नजर आते हैं। जिला के ऐसे कई स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां डॉक्टरों की भारी कमी चल रही है। ऐसा ही हाल है विधानसभा क्षेत्र चुराह के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बणंतर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तुंगाला का है जहां 4 पंचायतों के हजारों लोग आश्रित हैं परंतु इसमें पिछले एक साल से डॉक्टर, फार्मासिस्ट व नर्स के पद खाली चल रहे हैं और मात्र एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही इस स्वास्थ्य केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहा है। लोग तंज कस रहे हैं कि इसे भी क्यों रखा है इसे भी बदल डालो।

पी.एच.सी. तुंगाला पर 10,000 आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा

बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तुंगाला पर क्षेत्र की 4 पंचायतों में रहने वाली करीब 10,000 आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा है लेकिन वर्तमान में यह पी.एच.सी. महज एक शोपीस बनकर रह गई है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर इसके दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत बणंतर, चीह, आयल व पंजेई के लोगों के अनुसार यहां तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुबह इस स्वास्थ्य केंद्र को खोल देता है और शाम को बंद करके चला जाता है।

इलाज के लिए 30 किलोमीटर का सफर

तुंगाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रिक्त पड़े पदों की वजह से उपरोक्त 4 पंचायतों के लोगों को वर्तमान में बीमार होने पर दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों या अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है। इस पंचायत के लोगों को अपने स्वास्थ्य के इलाज हेतु 30 किलोमीटर की दूरी तय कर तीसा या फिर डियूर के स्वास्थ्य केंद्रों में जाना पड़ता है जिससे उन्हें न सिर्फ भारी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बल्कि यहां की गरीब जनता भी आर्थिक परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर है। बारिश तथा बर्फबारी होने से सड़क मार्ग बंद होने की स्थिति में बीमार व्यक्ति को पालकी में या फिर पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ता है। समय पर इलाज न मिलने के चलते कई बार बीमार व्यक्ति रास्ते में ही दम तोड़ देता है।

क्या कहते हैं लोग

जगदीश कुमार का कहना है कि नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट व नर्स के पद खाली होने से उन्हें इलाज करवाने के लिए आॢथक नुक्सान के साथ मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ती है। दर्शन ने बताया कि उक्त स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर के न होने से उन्हें प्राथमिक उपचार करवाने में काफी असुविधा हो रही है। नरेंद्र कुमार का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में रिक्त पदों के कारण लोगों को इलाज करवाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करके अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में जाना पड़ता है। कभी उन्हें भारी भरकम किराया खर्च कर निजी गाड़ी के माध्यम से जाना पड़ता है। हुकम चंद ने बताया कि नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर के न होने से लोगों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता है जिससे बीमारी और जानलेवा रूप ले लेती है।

विधानसभा अध्यक्ष से आश्वासन मिला है  : प्रधान

बणंतर के पंचायत प्रधान भीलो राम का कहना है कि इस मामले को विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के सामने रखा गया है और आश्वासन मिला है कि जल्द समस्या का निवारण कर दिया जाएगा।

सरकार के आदेश पर टिकी बात

सी.एम.ओ. चम्बा डा. वाई.डी. शर्मा ने बताया कि उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रिक्त चल रहे पदों के बारे में समय-समय पर विभाग व सरकार को जानकारी भेज दी जाती है। जैसे ही सरकार इस बारे में कोई आदेश जारी करती है तो उस पर प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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