Edited By kirti, Updated: 10 Aug, 2018 11:17 AM
16 जुलाई को कांगड़ा के निकटवर्ती गांव चंद्रोट निवासी की हुई सांप के काटने से हुई मौत की जांच रिपोर्ट न मिलने के कारण उनके अभिभावकों को 3 सदस्यीय डाक्टरों की आई टीम पर भी संदेह होने लगा है। युवती के पिता मस्त राम ने बताया कि उनकी बेटी 15 जुलाई को...
कांगड़ा : 16 जुलाई को कांगड़ा के निकटवर्ती गांव चंद्रोट निवासी की हुई सांप के काटने से हुई मौत की जांच रिपोर्ट न मिलने के कारण उनके अभिभावकों को 3 सदस्यीय डाक्टरों की आई टीम पर भी संदेह होने लगा है। युवती के पिता मस्त राम ने बताया कि उनकी बेटी 15 जुलाई को टांडा अस्पताल में सांप के डसने से दाखिल करवाई थी तथा डाक्टरों तथा स्टाफ की कथित लापरवाही के कारण उसकी अगले दिन ही सुबह मौत हो गई थी। जिसको लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार से बेटी की मौत को लेकर जांच करवाने की मांग बाहर से डाक्टरों से करवाने की की थी।
इसके लिए हिमाचल प्रदेश के निदेशक चिकित्सक शिक्षा के 3 डाक्टरों की टीम इसकी मौत की जांच करने आए थे। उन्होंने 24 जुलाई को पूरा दिन टी.एम.सी. के प्रधानाचार्य कार्यालय टांडा में लगभग एक दर्जन से भी अधिक मैडीकल कालेज के स्टाफ से गुप्त ढंग से बयान भी दर्ज किए थे तथा उन्होंने कहा था कि एक सप्ताह या 10 दिनों के भीतर आपको इसकी रिपोर्ट दे दी जाएगी किंतु 16 दिन के बाद भी कोई रिपोर्ट नहीं आई है। मस्त राम तथा उनके प्रियजनों ने स्थानीय विधायक से मांग की है कि इस जांच रिपोर्ट को शीघ्र ही उजागर करवाएं। वहीं इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के चिकित्सक शिक्षा के निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस जांच रिपोर्ट को सरकार को भेज दिया गया है तथा यह जांच गोपनीय है। इसलिए इसकी जानकारी केवल सरकार को ही दे दी है।