10 करोड़ की लागत से बनने वाले MCH भवन निर्माण को लेकर उठने लगे सवाल

Edited By kirti, Updated: 18 May, 2018 11:58 AM

the mch building that was built at a cost of 10 crores began to rise

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के पास 10 करोड़ की लागत से बनने मातृत्व शिशु देखभाल केंद्र (एम.सी.एच.) भवन निर्माण को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। इसे सोलन की जनता ने मुख्यमंत्री से इस भवन को किसी अन्य स्थान पर बनाने की मांग की है और इस संबंध में अतिरिक्त...

सोलन : क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के पास 10 करोड़ की लागत से बनने मातृत्व शिशु देखभाल केंद्र (एम.सी.एच.) भवन निर्माण को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। इसे सोलन की जनता ने मुख्यमंत्री से इस भवन को किसी अन्य स्थान पर बनाने की मांग की है और इस संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन भेजा। लोगों का कहना है कि वर्तमान में क्षेत्रीय अस्पताल के आसपास जमीन बहुत कम है और यहां न तो कहीं पार्किंग है और न ही विस्तारीकरण का कोई स्कोप है ऐसे में यहां एम.सी.एच. भवन बनाने से जनता के पैसों की बर्बादी ही होगी। इस पॉश एरिया में आने वाले समय में गाड़ी व एंबुलेंस तो क्या लोगों के चलने की भी जगह नहीं बचेगी।

सोलन जिला की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही
पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफत की अगुवाई में सोलन के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त उपायुक्त को क्षेत्रीय अस्पताल में 10 करोड़ से बनने वाले भवन को लेकर मिला। महेंद्र नाथ सोफत ने इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया और एम.सी.एच. भवन निर्माण के लिए शहर के किसी अन्य स्थान पर जगह तलाश करने की मांग की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन भवन का निर्माण वर्ष 1959 में करीब 7 हजार की जनसं या को ध्यान में रखते हुए किया गया था। अब सोलन जिला की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अब यह अस्पताल छोटा पड़ गया है।

आवाजाही की दिक्कत अाती 
यहां सिरमौर जिला के राजगढ़, सराहां, नारग, नौहराधार, हरिपुरधार , शिमला जिला के पीरन ट्राई, कुपवी, चौपाल सहित सोलन जिला के करीब 1500 से अधिक लोग प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन भीड़ भाड़ रहती है। यह अस्पताल शहर के ऐसे भीड़ वाले क्षेत्र में निर्मित है जहां पर इसका विस्तारीकरण करना अस भव है। तंग सड़कों के कारण अस्पताल आने वाले एंबुलेंसिस भी घंटों जाम में फंसी रहती हैं। यहां न तो एंबुलेंस को पार्क करने व न ही रोगियों व तीमारदारों की गाडिय़ां पार्क करने की व्यवस्था है, जिससे अस्पताल में आवाजाही की दिक्कत आती है।

केंद्र का निर्माण 10 करोड़ की लागत से होने जा रहा
उन्होंने कहा कि अब क्षेत्रीय अस्पताल में ही मातृत्व शिशु देखभाल केंद्र का निर्माण 10 करोड़ की लागत से होने जा रहा है, जिसमें से 2 करोड़ विभाग को उपलब्ध करवा दिया है। उन्होंने कहा कि यहां इतनी भूमि उपलब्ध ही नहीं है कि इस केंद्र का निर्माण किया जाए व इसका विस्तारीकरण हो सके। यह केंद्र यहां बनता है तो इससे समस्या और भी गंभीर हो जाएगी। एम.सी.एच. केंद्र व क्षेत्रीय अस्पताल के लिए शहर के बाहर उपयुक्त स्थान का चयन किया जाए जहां रोगियों की आसानी से आवाजाही सुनिश्चित हो और करीब 100 से 150 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था हो सके।

शहर के लोगों को इसकी सुविधा मिलती रहे
इसका जो भी विस्तार या निर्माण हो वह अगले 50-60 वर्षों को ध्यान में रखकर किया जाए। मौजूदा अस्पताल को सिटी अस्पताल बना दिया जाए, ताकि शहर के लोगों को इसकी सुविधा मिलती रहे। इस अवसर पर उनके साथ धर्मचंद गुलेरिया, जितेंद्रपाल, बी.एल. गाजटा, आशीष नेगी, भरत ठाकुर व अन्य मौजूद थे। क्षेत्रीय अस्पताल के पास वर्तमान में 12 बीघा जमीन है, जिस पर भी कई जगहों पर अतिक्रमण है। अस्पताल की जगह कहां तक है वर्तमान में यह किसी को पता ही नहीं है। इसके चलते चारों ओर से इसमें अतिक्रमण भी होने लगा है, जिससे जमीन कम होती जा रही है।

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