Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Dec, 2017 12:43 AM
नादौन के साथ सटे बल्ला नामक टापुओं पर अपना शीतकालीन प्रवास काल काटने आए विदेशी मेहमान परिंदों पर शिकारियों की गोलियां कहर बरपाने में लगी हैं।
नादौन: नादौन के साथ सटे बल्ला नामक टापुओं पर अपना शीतकालीन प्रवास काल काटने आए विदेशी मेहमान परिंदों पर शिकारियों की गोलियां कहर बरपाने में लगी हैं। ब्यास नदी के तट पर इन निरीह प्राणियों के बिखरे पड़े पंख इस दर्दनाक कहानी का पर्दाफाश कर रहे हैं। ब्यास नदी के उस पार ज्वालामुखी थाना क्षेत्र में इन पक्षियों को मारकर हो रहे कारोबार से शिकारी लोग तो खूब चांदी छाप रहे हैं, परंतु पक्षी प्रेम इस घिनौनी हरकत से काफी खफा दिखाई दे रहे हैं। एक ओर जहां सरकार इन विदेशी मेहमानों की आवभगत पर खर्च करके पुख्ता प्रबंध करने के दावे जता रही है वहीं नादौन के साथ कांगड़ा जिला की सीमा में हो रहा यह अवैध कारोबार इन दावों की पोल खोल रहा है। इसके बारे में ज्वालामुखी क्षेत्र के वन रक्षक विजय शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है तथा घटनास्थल का दौरा किया जाएगा।
मांस के लिए हो रहा शिकार
शिकारियों द्वारा इन पक्षियों का शिकार करने के बाद महंगे दामों पर बेचा जाना इन प्राणियों की जान का दुश्मन बन चुका है। बल्ला नामक ब्यास नदी में बने मीलों लंबे ये टापू सदियों से इन पक्षियों के पहले पड़ाव के रूप में जाने जाते हैं। जहां हजारों की संख्या में ये पक्षी चीन, मध्य एशिया, रूस तथा कजाकिस्तान से 5 हजार से भी अधिक किलोमीटर की यात्रा करके वहां की शीत हवाओं में खाद्य सामग्री के लुप्त होने पर यहां पहुंचते हैं और गर्मियों की पहली दस्तक देते ही पुन: अपने वतन रवाना हो जाते हैं।
ये पक्षी आते हैं प्रवास पर
इस बार भी इन टापुओं पर इन पक्षियों की प्रजातियों में बार हैडिड गूज, इंडियन पोंग हीरोन, लिटिल कारमोरैंट, रूडीशेल डक्स, लिटिल ग्रेव, ब्लैक हैडिड गूज व ब्लैक विंग्ज स्टिल्ट सहित मुर्गाबियां, मग तथा सारस काफी संख्या में पहुंचे हैं, परंतु शिकारियों की गोलियों के कहर ने इस पक्षी विहार में पक्षियों के एकांत में खलल डाल दिया है। आसपास के गांवों के निवासियों की मांग है कि इस अवैध धंधे पर तुरंत लगाम लगाई जाए। उन्हें मलाल है कि जहां एक ओर अन्य पक्षी विहारों के रख-रखाव पर लाखों की राशि खर्च की जा रही है, परंतु इस स्थल को सुरक्षित पक्षी विहार बनाने की ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने वन्य जीव विभाग से इस ओर अतिशीघ्र सुध लेने की मांग की है।