Edited By kirti, Updated: 09 Jul, 2018 12:29 PM
उद्यान विभाग इस वर्ष जिला सोलन के बागवानों को 40 हजार पौधे विभिन्न किस्मों के उपलब्ध करवाएगा। 15 जुलाई से पौधों के वितरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। उद्यान विभाग ने इसके लिए 20 हजार उन्नत प्रजाति के पौधे अपनी नर्सरियों में तैयार किए हैं और 20 हजार...
सोलन : उद्यान विभाग इस वर्ष जिला सोलन के बागवानों को 40 हजार पौधे विभिन्न किस्मों के उपलब्ध करवाएगा। 15 जुलाई से पौधों के वितरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। उद्यान विभाग ने इसके लिए 20 हजार उन्नत प्रजाति के पौधे अपनी नर्सरियों में तैयार किए हैं और 20 हजार पौधे अन्य नर्सरियों से मंगवाए जा रहे हैं। विभाग के पास सभी 5 ब्लाकों से डिमांड पहुंच गई है।
बरसाती पौधों की डिमांड यहां के नालागढ़ ब्लाक में सबसे अधिक रहती है। इसके अलावा कुनिहार व धर्मपुर ब्लॉक में भी बरसात के समय लगने वाले विभिन्न फ लदार पौधों की डिमांड रहती है। सोलन व कंडाघाट ब्लाक में सर्दियों के मौसम में लगने वाले पौधों की डिमांड अधिक रहती है जिनमें आड़ू, नेक्ट्रिन, पर्सीमन, खुमानी, प्लम, नाशपाती, बादाम, अखरोट, अनार, कीवि, स्ट्राबैरी व सेब शामिल हैं। सोलन जिला में बरसात के सीजन में नींबू प्रजाति के पौधों और आम के पौधों की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। इसके अलावा चीकू, बेर, जामुन, आंवला, पपीता व अनार समेत अन्य पौधे लगाए जाते हैं।
विभाग की इन नर्सरियों में तैयार हो रही पौध
जिला में उद्यान विभाग की दाड़लाघाट, अर्की, पट्टा महलोग, ढांग, खटनाली और गौड़ा में पौधों की नर्सरियां हैं। इन नर्सरियों में सर्दियों व गर्मियों के मौसम में लगने वाले फ लदार पौधे तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा पौधों की अतिरिक्त डिमांड को प्रदेश की अन्य नर्सरियों से पूरा किया जाएगा।
बगीचा लगाने को आर्थिक मदद
बागवानी विभाग बगीचा लगाने के लिए आॢथक सहायता भी प्रदान कर रहा है। विभाग की एकीकृत बागवानी विकास योजना के तहत बागवानों को बगीचा लगाने के लिए 50 फीसदी खर्चा देगा। एक हैक्टेयर भूमि पर सघन बागवानी करने व ड्रिप इरीगेशन योजना के लिए विभाग की ओर से 60 हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। इसी योजना में बिना ड्रिप इरीगेशन के 50 हजार रुपए की मदद की जाएगी। इसी प्रकार एक हैक्टेयर पर सामान्य बगीचा लगाने के लिए ड्रिप इरीगेशन योजना के साथ 40 हजार, जबकि बिना ड्रिप इरीगेशन योजना के 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है।