Edited By Simpy Khanna, Updated: 18 Jan, 2020 11:37 AM
जिला मुख्यालय नाहन से मात्र 3 किलोमीटर दूर कालाअंब देहरादून एनएच-7 पर स्थित माता बाला सुंदरी गौ सदन में एक काऊ डंग लॉग्स( गाय के गोबर से बने काष्ठ) बनाने की मशीन का शुभारंभ किया। इस मशीन से बनाए जानेे वाले काऊ डंग लॉग्स का इस्तेमाल ईंधन के रूप में...
नाहन (सतीश) : जिला मुख्यालय नाहन से मात्र 3 किलोमीटर दूर कालाअंब देहरादून एनएच-7 पर स्थित माता बाला सुंदरी गौ सदन में एक काऊ डंग लॉग्स( गाय के गोबर से बने काष्ठ) बनाने की मशीन का शुभारंभ किया। इस मशीन से बनाए जानेे वाले काऊ डंग लॉग्स का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाएगा जो कि ऊर्जा का सस्ता साधन होगा इसके प्रयोग से कार्बन डाइऑक्साइड की जगह ऑक्सीजन पैदा होगी। शुरुआती दौर में इनका इस्तेमाल मोक्षधाम में शव को जलाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली कुल लकड़ी का 10 फीसदी भाग के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा ताकि वनों का संरक्षण किया जा सके।
उपायुक्त सिरमौर डॉ आरके परुथी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जिसका उद्देश्य जिला सिरमौर में निराश्रित पशुओं की संख्या को कम करना है और जिला में बने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में गाय के गोबर से गमले बनाए जाएंगे। इन गमलों की ड्युरेबिलिटी बढ़ाने के लिए सीएसआईआर पालमपुर की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार दिवाली के मौके पर प्रशासन गोबर से बने दीए भी मार्केट में लांच करेगा। काऊ डंग लॉग्स बनाने के लिए चार दिन पुराने दस किलो गोबर के इस्तेमाल से चार काष्ठ बन सकती है जिसमें एक काष्ठ का आकार लगभग 2.5 फुट लम्बा व 2.5 इंच चौडा व मोटा होगा।