यहां डॉक्टरों का मिलना हो गया सपना, मरीज कहां इलाज करवाएं अपना

Edited By kirti, Updated: 18 Apr, 2019 09:44 AM

the doctors meet here

जिला सोलन के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों की संख्या घटने से अब लोगों के लिए डॉक्टरों का मिलना सपना हो गया है। अब ऐसे में मरीज इलाज करवाएं तो कहां। यहां पर चिकित्सकों के तबादलों के बाद अब कई ओ.पी.डी. तो बंद हो चुकी हैं और मरीजों को...

सोलन : जिला सोलन के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों की संख्या घटने से अब लोगों के लिए डॉक्टरों का मिलना सपना हो गया है। अब ऐसे में मरीज इलाज करवाएं तो कहां। यहां पर चिकित्सकों के तबादलों के बाद अब कई ओ.पी.डी. तो बंद हो चुकी हैं और मरीजों को या तो निजी क्लीनिकों में जाना पड़ रहा है या फिर शिमला या चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन रोजाना करीब 1,500 मरीज इलाज के लिए सोलन के अलावा सिरमौर व शिमला जिला के दूरदराज क्षेत्रों से आते हैं लेकिन अब यहां लोगों को इलाज ही नहीं मिल पा रहा है।

पिछले कुछ समय से यहां पर सर्जरी, स्त्री रोग, नेत्र रोग, ई.एन.टी., रेडियोलॉजी, एनैस्थीसिया के लिए केवल 1-1 ही विशेषज्ञ हैं। इनकी भी समय-समय पर एमरजैंसी व वी.आई.पी. ड्यूटियां लगती रहती हैं जिससे ओ.पी.डी. ठप्प हो जाती है और लोगों को चिकित्सक नहीं मिल पाते। यहां पर कम से कम 2-2 विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता है। कुछ समय पहले ही यहां से स्त्री रोग विशेषज्ञ और एनैस्थीसिया विशेषज्ञों का तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा त्वचा रोग, छाती रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग व न्यूरोलॉजी आदि के यहां विशेषज्ञ ही नहीं हैं।

लोग पर्चियां लेकर पूरा दिन ओ.पी.डी. के बाहर चिकित्सकों के आने का इंतजार करते रहते हैं। जो चिकित्सक ओ.पी.डी. में होते हैं उनके पास मरीजों की कतारें लगी रहती हैं। ऐसे में यहां मरीजों को परेशानियां ही मिल रही हैं। धीरे-धीरे यहां मरीजों की संख्या भी कम होती जा रही है, जबकि कुछ वर्ष पहले यहां मरीजों की संख्या काफी अधिक थी। अब लोग निजी क्लीनिकों की शरण में जा रहे हैं। बुधवार को भी अस्पताल में कुछ ओ.पी.डी. बंद रहीं और उनके बाहर मरीज चिकित्सकों के इंतजार में बैठे रहे क्योंकि उनकी पर्चियां पर उस ओ.पी.डी. का नंबर दर्ज था, जहां चिकित्सक ही मौजूद नहीं थे।

21 के स्थान पर रह गए 18 डाक्टर

सोलन का क्षेत्रीय अस्पताल 200 बैडिड है और इसके हिसाब से नियमानुसार यहां कम से कम 22 चिकित्सकों का होना आवश्यक है। यही नहीं, यहां ओ.पी.डी. अधिक होने के कारण 35 चिकित्सकों की भी सिफारिश की गई थी लेकिन यहां मात्र 18 चिकित्सक ही रह गए हैं। इससे चिकित्सकों पर भी कार्य का बोझ बढ़ गया है और मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है।

पद बढ़े लेकिन चिकित्सक हुए कम

सरकार ने भी यहां पर चिकित्सकों के 10 अतिरिक्त पद सृजित करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद सरकार ने 5 पद सृजित किए लेकिन यहां के लिए चिकित्सक भेजना भूल गई बल्कि यहां पर मौजूद चिकित्सकों के तबादले कहीं और कर दिए जिससे यहां चिकित्सक बढऩे की बजाय कम हो गए।

 

 

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