Edited By Ekta, Updated: 04 Jan, 2019 12:33 PM
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हिमस्खलन की चपेट आने से शहीद हुए हिमाचल के लाल सपन चौधरी (34) का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट कर शुक्रवार सुबह उनके पैतृक गांव फतेहपुर के सिहाल में पहुंच गया है। बता दें कि जैसे ही शहीद बेटे का शव घर पहुंचा तो उसकी मां...
फतेहपुर (अजय जम्बाल): जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हिमस्खलन की चपेट आने से शहीद हुए हिमाचल के लाल सपन चौधरी (34) का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट कर शुक्रवार सुबह उनके पैतृक गांव फतेहपुर के सिहाल में पहुंच गया है। बता दें कि जैसे ही शहीद बेटे का शव घर पहुंचा तो उसकी मां बिलख-बिलख कर रोने लगी। यह गमगीन माहौल देखकर लोगों की आंखों से आंसू निकल आए। फिलहाल करीब 12 बजे तक शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद अपने पीछे दो बेटे और पत्नी छोड़ गया है। वहीं आसपास के गांव और पंचायत में शौक की लहर है।
चचेरी बहन की शादी देखने का सपना रह गया अधूरा
बताया जाता है कि 2 महीने बाद ही मार्च में उसकी चचेरी बहन की शादी है। लेकिन उसका यह सपना अधूरा रह गया। सपन ने कुछ दिन पहले ही उसकी शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी पर आने की बात कही थी। सपन ने चाट्टा स्कूल से मैट्रिक की थी और 18 साल की उम्र में भर्ती हो गए थे। उनकी पत्नी ललिता गृहिणी हैं और बड़ा बेटा सार्थक पहली क्लास में पढ़ता है, जबकि छोटा बेटा मनीष महज डेढ़ साल का है।
उल्लेखनीय है कि शहीद सपन चौधरी के घरवालों को भारतीय सेना की यूनिट 40 आरआर से फोन आया था कि गुरुवार सुबह लांस नायक सपन चौधरी पुत्र बीर सिंह अपने एक अन्य साथी के साथ पुंछ के आगे गश्त पर थे तभी अचानक बर्फ के ल्हासे ने उन्हें चपेट में ले लिया। इसके थोड़ी ही देर बाद उनकी मौत हो गई।