Edited By Ekta, Updated: 17 Mar, 2019 09:20 AM
राजधानी में 4 हजार से अधिक वाटर मीटर का शिमला जल प्रबंधन कंपनी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। कंपनी ने शहर में वाटर कंज्यूमर की संख्या को लेकर एक सर्वे करवाया था। इस सर्वे के दौरान पाया गया कि शहर में करीबन 4 हजार से अधिक मीटर हैं, जिनका कंपनी के पास...
शिमला (वंदना): राजधानी में 4 हजार से अधिक वाटर मीटर का शिमला जल प्रबंधन कंपनी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। कंपनी ने शहर में वाटर कंज्यूमर की संख्या को लेकर एक सर्वे करवाया था। इस सर्वे के दौरान पाया गया कि शहर में करीबन 4 हजार से अधिक मीटर हैं, जिनका कंपनी के पास रिकॉर्ड नहीं है। फील्ड सर्वे के दौरान देखा गया कि पानी के मीटर लगे हैं कागजों में उनका जिक्र तक नहीं किया है और न ही उपभोक्ताओं के पास पानी के मीटर से संबंधित कोई दस्तावेज व अन्य रिकार्ड पाया गया है। ऐसे में जल प्रबंधन कंपनी इन 4 हजार मीटरों को टैली करने में जुट गई है। इसके लिए बाकायदा एक कमेटी गठित की गई है जो फील्ड में जाकर मीटरों का रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है, साथ ही मीटरों को टैली कर उनका रिकार्ड तैयार करेगी।
कमेटी सर्वे कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। इसमें यह बताया जाएगा कि सर्वे के दौरान कितने वाटर मीटरों को टैली किया गया है और कितने ऐसे और मीटर हैं जिनका कोई रिकार्ड नहीं है। कंपनी ने माना है कि वाटर मीटरों का पर्याप्त रिकॉर्ड नहीं होने के कारण पानी के बिल जारी करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। जल प्रबंधन कंपनी के एम.डी. धर्मेंद्र गिल का कहना है कि शहर में वाटर कंज्यूमर को लेकर बीते दिनों एक सर्वे करवाया गया था उस दौरान पाया गया कि शहर में करीबन 4 हजार से अधिक वाटर मीटर ऐसे हैं जिनका कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में कंपनी इन मीटरों को टैली करने में जुट गई है कुछेक मीटर टैली हो गए हैं, जिन्हें पानी के बिल जारी किए जा रहे हैं। कंपनी के कर्मचारी फील्ड में जाकर एक-एक वाटर कनैक्शन की जांच कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सभी मीटरों का रिकार्ड तैयार कर लिया जाएगा।
खराब मीटरों की कंपनी कर रही जांच
उपभोक्ताओं द्वारा जल प्रंबंधन कंपनी के पास वाटर मीटर खराब होने को लेकर शिकायतें पंहुच रही है, ऐसे में कंपनी ने उपभोक्ताओं को हिदायत दी है कि पानी के मीटर में यदि कोई खराबी है तो कंपनी फ्री में मीटर रिप्लेस करेगी। कंपनी के कर्मचारी फील्ड में जाकर मीटरों की जांच करेगे यदि कोई खराबी पाई जाएगी तो उपभोक्ताओं का मीटर बदल दिया जाएगा साथ ही उपभोक्ता कंपनी की वर्कशाप में भी मीटरों की जांच करवा सकते है। कंपनी के पास रोजाना पानी के मीटरों से संबंधित 30 से 40 शिकायत पंहुच रही है इसके अलावा कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यदि उपभोक्ता कंपनी के मीटर नहीं लगाना चाहते है तो उपभोक्ता स्वयं भी मीटर लगा सकते है।