Edited By Ekta, Updated: 08 May, 2019 09:47 AM
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र अपनी भोगौलिक परिस्थितियों के लिए उतना विकट नहीं है, जिस कारण चुनाव आयोग को यहां खास परेशानी नहीं आती लेकिन 5 जिलों को समेटे इस संसदीय सीट पर प्रत्याशियों को जरूर पसीना बहाना पड़ता है। यह क्षेत्र मंडयाली, कहलूरी, कांगड़ी से...
हमीरपुर (पुनीत): हमीरपुर संसदीय क्षेत्र अपनी भोगौलिक परिस्थितियों के लिए उतना विकट नहीं है, जिस कारण चुनाव आयोग को यहां खास परेशानी नहीं आती लेकिन 5 जिलों को समेटे इस संसदीय सीट पर प्रत्याशियों को जरूर पसीना बहाना पड़ता है। यह क्षेत्र मंडयाली, कहलूरी, कांगड़ी से लेकर पंजाबी व पंजाबी-पहाड़ी मिश्रित भाषाओं के साथ संस्कृतियों का मिलाजुला बेजोड़ संगम है। जिस भी जिले में प्रत्याशी जाते हैं तो वहां की बोलचाल बदल जाती है। 5 जिलों की सौंधी खुशबू लिए इस सीट पर खाना खाने का जायका भी कहीं मंडयाली तो कहीं कहलूरी व कांगड़ी धाम में बदल जाता है। हमीरपुर, ऊना व बिलासपुर जिलों के साथ इस संसदीय क्षेत्र में मंडी जिला का धर्मपुर व कांगड़ा जिला के देहरा व जसवां परागपुर विस क्षेत्र भी आते हैं।
इस क्षेत्र में गोबिंद सागर झील के अलावा पौंग बांध की महाराणा प्रताप सागर जलाशय का कुछ हिस्सा भी आता है, जिनमें हिमाचल का सबसे ज्यादा मत्स्य उत्पादन होता है। प्रति वर्ग किलोमीटर के हिसाब से गोबिंद सागर झील में मत्स्य उत्पादन देश में सबसे ज्यादा गिना जाता है। इस सीट के तहत धार्मिक स्थलों की भरमार है लेकिन शिवालिक पहाड़ियों की रेंज में आने वाला यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हो पाया है। फिर भी यहां के लोगों ने अपने बलबूते इस क्षेत्र की पहचान को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज करवाया है। शिक्षा के लिए एजुकेशनल कैपिटल ऑफ दी स्टेट के नाम से भी हमीरपुर को जाना जाने लगा है। इसी सीट से स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल व महान सेना नायक जनरल जोरावर सिंह जिन्हें भारत का नैपोलियन भी कहा जाता है, का भी संबंध है।
ऐतिहासिक किले
बिलासपुर में कोट कहलूर, बच्छरेटू, त्यून, ठाकुरद्वारा, हमीरपुर के सुजानपुर में राजा संसार चंद के महल, नादौन व महल मोरियां में किले व सोलहसिंघी धार।
हिमाचल के 3 विश्वविद्यालय
हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय व परागपुर में राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ स्थापित है। इसके अलावा बकरी प्रजनन केंद्र केवल ताल में स्थित है।
सबसे उम्रदराज 5 बुजुर्ग मतदाता
भोरंज विस क्षेत्र के मुंडखर-1 बूथ से दुर्गु राम (112), नादौन के बूणी बूथ से झौंभी राम (112), झंडूता के विजयपुर बूथ से गुरदेवी (112) व गुजरेहड़ा बूथ से देवी दास (111), तथा घुमारवीं के पपलाह बूथ से माशा देवी (111)।