नैशनल पार्क की निगरानी करेगी एक सिपाही सहित ये 8 सदस्यीय की टीम

Edited By kirti, Updated: 21 May, 2018 09:06 AM

the 8 member team including a soldier will monitor the national park

आखेटक का यही दौर ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क में होता रहा तो हमारी यह धरोहर खतरे में पड़ सकती है। इसी को भांपते हुए पार्क प्रबंधन की रखवाली अब एक सिपाही और उसके साथ 8 सदस्यीय टीम करेगी। सिपाही स्निफ र डॉग को अभी पारंगत किया जा रहा है और उसके साथ ही 8...

कुल्लू : आखेटक का यही दौर ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क में होता रहा तो हमारी यह धरोहर खतरे में पड़ सकती है। इसी को भांपते हुए पार्क प्रबंधन की रखवाली अब एक सिपाही और उसके साथ 8 सदस्यीय टीम करेगी। सिपाही स्निफ र डॉग को अभी पारंगत किया जा रहा है और उसके साथ ही 8 सदस्यों की टीम भी 8 माह के बाद पार्क में अवैध कब्जों को रोकेगी। अप्रैल माह से उनका प्रशिक्षण भी शुरू हुआ है। हाल ही में पार्क  में अवैध शिकार का केस सामने आया है। टीम ने दबिश देकर उन्हें रंगों हाथों पकड़ भी लिया।

पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था
जैव विविधता और अलग-अलग तरह के पशु-पक्षियों के लिए प्रसिद्ध पार्क को इसी के लिए दोहा में वर्ष 2014 में यूनेस्को ने अपनी धरोहर के रूप में शामिल किया है। बता दें कि ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क कुल्लू जिला के पश्चिमी भाग में स्थित है। पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था। इसमें 25 से अधिक प्रकार के वन, 800 प्रकार के पौधे और 206 पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। भारत में जहां 7 प्रकार के फिजेंट पाए जाते हैं उनमें अकेले 6 प्रकार इस पार्क में मौजूद हैं। जुजुराणा, मोनाल और मोर यहां अत्यधिक संख्या में हैं। यही नहीं अक्तूबर, 2017 में यहां पहली मर्तबा स्नो लैपर्ड को भी कैमरे में कैद किया गया है। 


10 किलोमीटर का पैदल फासला तय करना पड़ता
इसके साथ ही पार्क में मस्क डीयर, ब्राऊन बीयर, गोरल, थार, चीता, भराल, सीरो, मोनाल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बर्फानी कौआ आदि भी हैं। इस पार्क से जीवानाला, सैंज और तीर्थन नदियों का भी उद्गम स्थल है। ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में जी.एच.एन.पी. (754.4 वर्ग कि.मी.), सैंज व जीवा (90 वर्ग किलोमीटर) तथा तीर्थन (61 वर्ग किलोमीटर) वन्य जीव अभ्यारण्य तथा 905.40 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह पार्क  इतना अधिक फैला हुआ है कि इसकी सीमाओं पर पहुंचने के लिए 8 से 10 किलोमीटर का पैदल फासला तय करना पड़ता है।

पार्क की निगरानी के लिए कर्मी कम
पार्क की रखवाली के लिए कर्मचारियों की संख्या आड़े आ रही है। 1167 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क की निगरानी के लिए 3 रेंज ऑफि सर, 8 ब्लॉक ऑफिसर, 25 गार्ड व चतुर्थ श्रेणी के अन्य कर्मचारी हैं। क्षेत्रफ ल के हिसाब से इनकी संख्या बेहद ही कम है, ऐसे में पार्क की निगरानी करनी टेढ़ी खीर साबित हो रही है। 

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