यहां मनचलों के हौसले बुलंद, कैसे महफूज होंगी बेटियां

Edited By Vijay, Updated: 30 Aug, 2019 04:14 PM

terror of naughty stuff in gagret

गगरेट विधानसभा क्षेत्र के एक सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के बाहर 2 छात्रों की आऊटसाइडर्स द्वारा निर्मम पिटाई किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अभिभावकों में इस बात का रोष है कि सरकारी स्कूलों के बाहर छुट्टी के समय मंडराने वाले मनचलों में...

नंगल जरियालां (दीपक): गगरेट विधानसभा क्षेत्र के एक सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के बाहर 2 छात्रों की आऊटसाइडर्स द्वारा निर्मम पिटाई किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अभिभावकों में इस बात का रोष है कि सरकारी स्कूलों के बाहर छुट्टी के समय मंडराने वाले मनचलों में पुलिस का खौफ क्यों नहीं है। यद्यपि स्कूल के गेट पर घटित इस मामले को संबंधित एसएमसी एवं ग्राम पंचायत के हस्तक्षेप से तथाकथित आऊटसाइडर द्वारा लिखित माफी मांगने और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया गया परंतु अभी भी पुलिस को कारगर कदम उठाने की जरूरत है।

दौलतपुर चौक से लेकर गगरेट तक रहता है मनचलों का जमावड़ा

शौर्य चक्र विजेता कैप्टन सुशील जरियाल और अम्बोआ गांव के प्रधान सूबेदार मेजर युद्धवीर सिंह ने बताया कि दौलतपुर चौक से लेकर गगरेट तक जितने शैक्षणिक संस्थान हैं, उनके बाहर अक्सर छुट्टी के बाद कुछ बिगड़ैल किस्म के मनचलों का जमावड़ा रहता है और ऐसे अराजक तत्वों द्वारा अक्सर छात्राओं को फब्तियां कसते देखा जा सकता है। इससे स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी परेशान होते हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर ऐसी शिकायतें उन्हें मिल रही हैं। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि ऐसे मनचलों को दूर भगाने हेतु कारगर कदम उठाए जाएं।

गांव की अधिकतर लड़कियां आत्मविश्वासी नहीं

उधर, लाडली रक्षक की जिला अध्यक्ष रेखा जम्वाल ने बताया कि सरकारी स्कूलों के दूरदराज के गांव से आने वाली लड़कियां अधिकतर इतनी आत्मविश्वासी नहीं हैं जो एकजुट होकर सड़क छाप मजनुओं को करारा जवाब दे सकें। उन्होंने कहा कि अम्ब क्षेत्र के कुछ स्कूलों में हमने इस बारे में काऊंसलिंग की है। इसके लिए स्कूल प्रशासन द्वारा भी बच्चियों की आपसी एकजुटता के लिए काऊंसलिंग समय-समय पर होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्कूल से छुट्टी होने के बाद सिविल ड्रैस में गगरेट पुलिस के कर्मचारियों की गश्त की मांग स्थानीय थाना प्रभारी से की गई है।

कैसे बेटी बचाएं और पढ़ाएं

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकारें जमीन पर ऐसा माहौल भी तो बनाएं। कुछ बिगड़ैल बच्चों के कारण स्कूलों में पढ़ रही बच्चियां महफूज नहीं हैं। कार्रवाई न होने या कोई पूछने वाला न होने के कारण बेखौफ कुछ मनचले जमा 2 पास करते अपने भविष्य को अंधकारमय बना रहे हैं। माता-पिता को न मानने वाले ऐसे बच्चों को इलाज की जरूरत है वरना यह रोग ला-इलाज हो जाएगा। आलम यह है कि स्कूल शुरू होने व छुट्टी के समय शरारती तत्व क्षेत्र के हर स्कूल के गेट से बेटियों का पीछा करते बाइकों पर दनदनाते फिरते रहते हैं। 

पुलिस ने किया टीम का गठन

एसएचओ  हरनाम सिंह ने बताया कि पुलिस ने डीएसपी अम्ब के दिशा-निर्देशानुसार विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया है जोकि क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों के बाहर सिविल ड्रैस में मौजूद रहकर ऐसे शरारती तत्वों पर नजर रखेगी और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगी।

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