तकनीकी शिक्षा विभाग में ट्रेनरों को सरकारी अनुबंध में लाने में ‘फर्जीवाड़ा’

Edited By Ekta, Updated: 16 Sep, 2018 10:25 AM

technical education department in trainer to government bond in forgery

तकनीकी शिक्षा विभाग में ट्रेनरों (अनुदेशकों) को सरकारी अनुबंध में लाने में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस फर्जीवाड़े को पिक एंड चूज करके अंजाम दिया जा रहा है। जो ट्रेनर साल 2005-06 में नियुक्त किए गए हैं, उन्हें 12-13 साल बाद भी सरकारी अनुबंध में नहीं...

शिमला (देवेंद्र हेटा): तकनीकी शिक्षा विभाग में ट्रेनरों (अनुदेशकों) को सरकारी अनुबंध में लाने में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस फर्जीवाड़े को पिक एंड चूज करके अंजाम दिया जा रहा है। जो ट्रेनर साल 2005-06 में नियुक्त किए गए हैं, उन्हें 12-13 साल बाद भी सरकारी अनुबंध में नहीं लाया जा रहा है जबकि साल 2013 में तैनात कुछ ट्रेनरों को विभाग ने हाल ही में सरकारी अनुबंध में लाकर बड़ा तोहफा दिया है। इससे सीनियर ट्रेनर वरिष्ठता सूची में हमेशा के लिए जूनियर हो गए हैं। जूनियर को रैगुलर करने के पीछे विभाग सरकार को गुमराह कर रहा है कि आई.टी.आई. में ट्रेनरों के फंक्शनल पद न होने से ऐसा किया जा रहा है।

प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सस्ते ट्रेनर रखने के प्रचलन के कारण आई.एम.सी. (इंस्टीच्यूट मैनेजमैंट कमेटी) और एस.डब्ल्यू.एफ. (स्टूडैंट वैल्फेयर फंड) के तहत ट्रेनर तैनात कर रखे हैं। हालांकि कुछ ट्रेनरों को बीते 3-4 के दौरान सरकारी अनुबंध में ला दिया गया है लेकिन 250 से अधिक ट्रेनर अभी भी सरकारी अनुबंध में आने बाकी हैं। सूचना का अधिकार कानून के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश की विभिन्न आई.टी.आई. में विभिन्न ट्रेडों में ट्रेनरों के लगभग 252 पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर तकनीकी शिक्षा विभाग सालों से सेवाएं दे रहे ट्रेनरों को सरकारी अनुबंध में शामिल कर सकता है। इसे लेकर जब तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक शुभकरण सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बार-बार संपर्क करने पर भी फोन नहीं उठाया।

वरिष्ठता को ऐसे किया गया नजर अंदाज?
सूचना के मुताबिक महिला आई.टी.आई. हमीरपुर में मीनाक्षी नाम की ट्रेनर वर्ष 2005 से सेवारत है, उन्हें अब तक रैगुलर नहीं किया गया जबकि वर्ष 14 मार्च 2013 को तैनात भानू प्रताप सिंह को विभाग ने बीते 7 सितम्बर को रैगुलर कर लिया है। ऐसे ही बहुत से ट्रेनर 2006, 2007, 2008 के भी हैं जिन्हें अभी रैगुलर किया जाना बाकी है।

कोर्ट में तकनीकी शिक्षा सचिव को कर रखा है तलब
जूनियर को सीनियर से पहले रैगुलर करने के एक पुराने मामले में 44 ट्रेनरों ने तकनीकी शिक्षा विभाग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। हाईकोर्ट ने सचिव तकनीकी शिक्षा को व्यक्तिगत तौर पर 26 सितम्बर 2018 को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दे रखे हैं। इसमें सरकार को बताना होगा कि आखिर सीनियर ट्रेनरों को नजरअंदाज करके जूनियर को पहले सरकारी अनुबंध में क्यों लाया जा रहा है?

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