Edited By Vijay, Updated: 29 May, 2019 04:50 PM
एक तरफ सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर की शिक्षा मुहैया करवाने का दावा कर रहे हैं, वहीं सरकार और विभाग के इन दावों की कलई ऊना के ही एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने खोल कर रख दी है। दरअसल ऊना के गांव धुसाड़ा के प्राइमरी स्कूल दोम...
ऊना (अमित): एक तरफ सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर की शिक्षा मुहैया करवाने का दावा कर रहे हैं, वहीं सरकार और विभाग के इन दावों की कलई ऊना के ही एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने खोल कर रख दी है। दरअसल ऊना के गांव धुसाड़ा के प्राइमरी स्कूल दोम की एक अध्यापिका ने पिछले कल छात्रा द्वारा लिखे गए संडे-मंडे के कई गलत शब्दों (बुधवार से शनिवार तक) पर ठीक का निशान लगा दिया। जब छात्रा के परिजनों ने यह गलती देखी तो उन्होंने अध्यापिका से मुलाकात की लेकिन अध्यापिका ने उन्हें आगे भी ऐसे ही पढ़ाने की बात कह दी। परिजनों ने इस पूरे मामले का वीडियो बना लिया जोकि सोशल मीडिया में भी वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद अध्यापिका के साथ-साथ शिक्षा विभाग पर भी सवालिया निशान उठने शुरू हो गए हैं।
अध्यापिका पहले भी दोहरा चुकी है ऐसी गलती
छात्रा के पिता ने कहा कि इससे पहले भी अध्यापिका ने गलत शब्दों को ठीक कर दिया था, जिस पर अध्यापिका ने आगे से ऐसी गलती न होने की बात की थी लेकिन अब फिर उन्हीं गलतियों को दोहराया जा रहा है। छात्रा के पिता ने कहा कि बच्चे अध्यापकों के पढ़ाए पर ही विश्वास करते हैं लेकिन अगर अध्यापक ही बच्चों को गलत पढ़ाएंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा।
अध्यापिका ने छात्रा के परिजनों पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
वहीं अध्यापिका ने अपनी गलती को स्वीकार तो किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह गलती उनसे कैसे हुई उन्हें नहीं पता। अध्यापिका ने कहा कि हो सकता है छात्रा ने ही इसे शुद्ध कर दिया हो। वहीं अध्यापिका ने गलती मानने के बाद भी परिजनों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।
क्या बोले शिक्षा विभाग के अधिकारी
वहीं प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक संदीप कुमार ने मामले की खंड शिक्षा अधिकारी से जांच करवाने का दावा किया। शिक्षा उपनिदेशक ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।