Edited By prashant sharma, Updated: 23 Mar, 2021 11:48 AM
देवभूमि अॅाल हिमाचल टैक्सी-मैक्सी आप्रेटर एसोसिएशन बिलासपुर ने मंगल सिंह ठाकुर की अगुवाई में ए.सी. टू डी.सी. बिलासपुर सिद्धार्थ आचार्य को अपना ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार द्वारा नैशनन परमिट की जो फीस लगाई जा रही है वह बहुत ज्यादा है।
बिलासपुर : देवभूमि अॅाल हिमाचल टैक्सी-मैक्सी आप्रेटर एसोसिएशन बिलासपुर ने मंगल सिंह ठाकुर की अगुवाई में ए.सी. टू डी.सी. बिलासपुर सिद्धार्थ आचार्य को अपना ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार द्वारा नैशनन परमिट की जो फीस लगाई जा रही है वह बहुत ज्यादा है। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार द्वारा 4 सीट से लेकर 9 सीट तक 25 हजार रुपए व 9 से 23 सीट तक 75 हजार रुपए की फीस लगाई जा रही है। टैक्सी आॅप्रेटर इतनी ज्यादा फीस देने में असमर्थ हैं लिहाजा सरकार उचित दर पर सीट की फीस निर्धारित करे। टैक्सियों की इंश्योरैंस निजी गाडियों से ज्यादा है लिहाजा टैक्सियों की इंश्योरैंस को कम किया जाए। कोरोना काल के दौरान सरकार व परिवहन विभाग ने खड़ी गाडियों के टोकन टैक्स, इंश्योरैंस व पैंसेजंर टैक्स वसूल किए हैं। सरकार इसकी समय सीमा को बढ़ाए। टैक्सियों का नैशनल परमिट-01 को 9 साल से बढ़ाकर 15 वर्ष किया जाए, सरकारी विभागों में लगाई जाने वाली टैक्सियों की टैंडर प्रक्रिया में पंजीकृत यूनियनों को शामिल कर ठेकादारी प्रथा को बंद किया जाए, प्रदेश में सरकार द्वारा अधिकृत की गई निजी ओला उबर सहित अन्य कंपनियों को प्रतिबंधित कर इनकी मान्यता रद्द की जाए, चालान की 100 रुपए की राशि को बढ़ाकर एक हजार रुपय करने के निर्णय पर पुर्नविचार किया जाए तथा इसे तर्कसंगत बनाया जाए। ज्ञापन में प्रदेश में टैक्यिों के रूप में प्रयोग की जा रही निजी गाड़ियों के चालान की राशि को बढ़ाने तथा सरकार से ऐसी गाडियों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने की मांग की गई है। ज्ञापन में प्रदेश में टैक्सी मालिक-चालक आयोग का गठन करने, प्रदेश में पंजीकृत टैक्सी यूनियनों को स्थाई कार्यालय व पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाने, पैट्रो पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने का आग्रह भी किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो टैक्सी यूनियनें प्रदेश में एक महीने बाद उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगी तथा सभी टैक्सी आॅप्रेटर अपनी-अपनी टैक्सियों की चाबियां अपने-अपने जिला के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को सौंप देंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व विभाग की होगी।