Edited By Vijay, Updated: 31 Mar, 2018 11:43 PM
हिमाचल प्रदेश के 2630 एस.एम.सी. शिक्षकों को एक्सटैंशन नहीं मिली है, ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक ती नजर आ रही है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के 2630 एस.एम.सी. शिक्षकों को एक्सटैंशन नहीं मिली है, ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक ती नजर आ रही है। इससे प्रदेश के 108 स्कूल खाली हो गए हैं। इन स्कूलों में ज्यादातर एस.एम.सी. शिक्षक ही सेवाएं दे रहे थे। समर वैकेशन स्कूलों में 31 मार्च को एस.एम.सी. शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो गई हैं जबकि विंटर वैकेशन स्कूलों में 13 फरवरी को उक्त शिक्षकों का सेवाकाल समाप्त हो गया था। हालांकि इस दौरान शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से उनका सेवाकाल एक साल बढ़ाने का आग्रह भी किया था लेकिन अभी तक सरकार ने इनके सेवाकाल बढ़ाने संबंधी कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। हाल ही में हुई कैबिनेट की मीटिंग में शिक्षकों को उम्मीद थी कि सरकार उन्हें एक साल का सेवा विस्तार देगी लेकिन इस दौरान ये मुद्दा कैबिनेट में नहीं लाया गया।
सरकार ने की थी नीति बनाने की घोषणा
सरकार ने एस.एम.सी. शिक्षकों के लिए नीति बनाने की घोषणा की थी। इसके तहत प्रदेश के 2630 शिक्षक ों को अनुबंध पर लाने का फैसला लिया गया था। इसके तहत जिलों से डाटा भी मंगवाया गया था। एस.एम.सी. पीरियड बेसिस शिक्षक एसोसिएशन के पदाधिकारी अनिल पितान व मनोज रोगटा ने सरकार से मांग की है कि नीति बनाने से पहले उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया जाए।