Edited By kirti, Updated: 15 Sep, 2018 11:26 AM
हिमाचल प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। केरल के बाद हिमाचल प्रदेश को शिक्षा का हब कहा जाता हैं, लेकिन ये महज कहने में अच्छा लगता हैं....
चंबा: हिमाचल प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। केरल के बाद हिमाचल प्रदेश को शिक्षा का हब कहा जाता हैं, लेकिन ये महज कहने में अच्छा लगता हैं। चम्बा जिला के सलूणी में खोला गया सरकारी कॉलेज इस बात की सच्चाई बयां कर रहा है। जी हां सलूणी कॉलेज में 20 से अधिक पंचायतों के 320 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन पिछले चार महीनों से कॉलेज में राजनीति शास्त्र ,इतिहास ,और जियोग्राफी के प्रोफेसर ही नहीं हैं। शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। पिछले चार महीनों से तीन विषयों के प्रोफेसर ना होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारें छात्रों के भविष्य के लिए कितनी चिंतित हैं। दरअसल चम्बा जिला के कई स्कूलों-कॉलेजों में स्टाफ की कमी है। स्टाफ के कमी के कारण कई स्कूलों के बच्चे अभिभावक के साथ प्रदर्शन भी कर चुके हैं। चंबा में ही रांग स्कूल के बच्चों ने स्टाफ के कमी के कारण कक्षाओं को बहिष्कार कर दिया था। जिसके बाद प्रशासन ने स्कूल में कुछ अध्यापकों की तैनाती की थी।