Edited By Ekta, Updated: 06 Feb, 2019 12:57 PM
हिमाचल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। बता दें कि बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से रोगियों की संख्या 7 तक पहुंच चुकी है। यहां 2 वर्षीय एक बच्ची की स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। बिलासपुर में मुख्य चिकित्सा...
बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। बता दें कि बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से रोगियों की संख्या 7 तक पहुंच चुकी है। यहां 2 वर्षीय एक बच्ची की स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। बिलासपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. वी.के चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि घुमारवीं क्षेत्र से संबंधित दो स्वाइन फ्लू से पीड़ित रोगी आईजीएमसी में भर्ती हैं। इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष जनजागरूकता अभियान शुरू किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. वी.के चौधरी ने लोगों को इससे बचाव करने के लिए एहतियात बरतने के साथ-साथ सतर्क रहने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से घबराने की आवश्यकता नहीं है। थोड़ी सी सावधानी बरतने से इससे बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू एक विशेष प्रकार के इन्फ्लुएंजा-ए (एच 1 एन 1) वायरस से ग्रसित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से हो सकता है। उन्होंने बताया कि इसके मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, गला दुखना, नाक बहना, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, दस्त तथा उल्टियां आदि होते है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजूर्गों, शुगर (मधुमेह) एवं दमे के मरीजों में स्वाइन फ्लू के होने का खतरा ज्यादा रहता है। उन्होंने बताया कि समझदारी और सहयोग से काम लेने पर इसे कम किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि खांसते अथवा छिकते समय अपने मुंह एवं नाक को रूमाल से ढकें, अपनी नाक, आंखों अथवा मुंह को छूने से पहले अथवा पश्चात अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोए, इन्फ्लुएंजा-ए (एच 1 एन 1) के लक्षण जैसे खांसी, बहती नाक, छींक एवं बुखार से प्रभावित व्यक्तियों से कम से कम 3 फीट की दूरी बनाएं रखें, अच्छी नींद लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें तथा तनाव से बचें, स्वच्छ तथा अधिक मात्रा में पानी पीए तथा पोषणयुक्त भोजन का सेवन करें। उन्होंने लोगों से आहवान किया है कि यदि इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर तुरन्त चिकित्सक से परामर्श लेना सुनिश्चित करें।